
बुंडू मे दुर्गा पूजा के समापन के बाद अब मां लख्खी की आराधना की गूंज सुनाई दी। शरद पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने कोजागरी लख्खी पूजा का आयोजन किया। पूजा पंडालों में खीर का भोग सजाया गया और भक्तों ने मां से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। हर साल की तरह इस बार भी बुंडू के पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली।
महिलाओं ने पारंपरिक विधि से मां लख्खी का आवाहन किया, दीप जलाए और अपने परिवार की मंगलकामना की। रात की पूर्णिमा की चांदनी में भक्तों ने भक्ति भाव से मां लख्खी के चरणों में नतमस्तक होकर अपने मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना की। पूजा के बाद खीर का प्रसाद वितरित किया गया, जिसे शुभ और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। कोजागरी लख्खी पूजा खास तौर पर काफी धूमधाम से मनाई जाती है, जहां मान्यता है कि इस रात मां लख्खी स्वयं धरती पर आती हैं और जो भक्त उनकी पूजा करता है, उस पर वर्षभर धन-धान्य की कृपा बनी रहती है। भक्तों का कहना है कि कोजागरी लख्खी पूजा ही दीपावली के महापर्व की शुरुआत करती है। बुंडू में पूजा संपन्न होते ही लोग अब दीपावली की तैयारियों में जुटने लगे हैं। इस तरह बुंडू में श्रद्धालुओं ने मां लख्खी की आराधना कर परिवार में सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करते।