जमशेदपुर में उर्स-ए-क़ायदे अहले सुन्नत का भव्य आयोजनहज़ारों अकीदतमंदों की उपस्थिति की संभावना

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जमशेदपुर, झारखंड – प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान, कायदे अहले सुन्नत बेमिसाल ख़तीब और बुनियादी विचारक हज़रत अल्लामा अरशदुल क़ादरी रहमतुल्लाह अलैह का 24वां सालाना उर्स मुबारक आगामी 8, 9 और 10 अगस्त 2025 को जामिया फैज़ुल उलूम, जमशेदपुर में पूरे जोश व खरोश के साथ आयोजित किया जा रहा है। इस तीन दिवसीय रूहानी कार्यक्रम में पूरे देश से उलमा, मशायख़, क़ुर्रा, शायर और हज़ारों अकीदतमंदों के शामिल होने की उम्मीद है।

कार्यक्रम की सदारत हज़रत अल्लामा डॉक्टर ग़ुलाम ज़रक़ानी क़ादरी साहब क़िबला द्वारा की जाएगी, जो कि जनशीन-ए-क़ायदे अहले सुन्नत, प्रेसिडेंट ऑल इस्लामिक मिशन यूएसए, चीफ़ डायरेक्टर इंटरनेशनल हेजाज अकैडमी अमेरिका व इंडिया तथा महतमिम जामिया फैज़ुल उलूम, जमशेदपुर हैं।

इस अवसर पर रोज़ाना कुरान खानी, फातिहा ख्वानी, उलमा-ए-किराम के बयानात, महफ़िल-ए-नात और ज़िक्र-ओ-दुरूद की महफ़िलें सजाई जाएंगी।

08 अगस्त शुक्रवार को 5:00 बजे से हर क्लास में पहला दूसरा और तीसरा पोजीशन हासिल करने वाले छात्रों को इनाम दिया जाएगा
शाम 7:00 बजे से केरात का मुकाबला होगा।

9 अगस्त सुब्ह 9:00 बजे से: महफिल-ए-नात,
लिखित इस्लामी प्रतियोगिता,
तक़रीरी मुकाबला
का शानदार आयोजन किया जाएगा जिसमें मदरसों के बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा मौका मिलेगा।
मगरिब की नमाज़ के बाद परचम-ए-कुशाई का मुबारक कार्यक्रम होगा।
बाद नमाज़-ए-इशा: महफ़िल-ए-नात का रूहानी आयोजन किया जाएगा,
जिसमें मुल्क भर से तशरीफ़ लाने वाले मशहूर उलेमा-ए-किराम और सनाआ ख्वान (नात पढ़ने वाले) अपनी हाजिरी देंगे और अपनी मधुर आवाज़ में नबी-ए-करीम की शान में नात पेश करेंगे।

10 अगस्त रविवार को दोपहर 3:00 बजे से शाम 4:35 बजे तक मक्का मस्जिद, फैज़ुल उलूम में क़ुल शरीफ़ का आयोजन किया गया है।कायदे अहले सुन्नत के विषय पर अहम और प्रभावशाली बयान होंगे।इस मौके पर मदरसे से फारिग होने वाले तलबा की दस्तारबंदी (सिर पर पगड़ी सजाया) की मुबारक तक़रीब भी होगी।

प्रमुख आकर्षण:
इस अवसर पर “क़ायदे अहले सुन्नत अवार्ड” से हर साल किसी बड़े आलिम-ए-दीन को सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष यह सम्मान हज़रत अल्लामा मौलाना मोहम्मद शाकिर नूरी साहब क़िबला,बानी व अमीर सुन्नी दावत-ए-इस्लामी, मुंबई को प्रदान किया जाएगा। साथ ही उन्हें “दाई-ए-असर” के खिताब से भी नवाज़ा जाएगा इसके अलावा अन्य विशेष अतिथियों को निम्नलिखित सम्मान दिए जाएँगे:

रईस-उल-क़लम अवार्ड: जनाब हाजी मोहम्मद बिलाल नासिर साहब (जनरल सेक्रेटरी, फैज़ुल उलूम, जमशेदपुर)

फैज़ी अवार्ड:

हज़रत मौलाना मोहम्मद सगीर आलम फैज़ी साहब (महतमिम, मदरसा दारुस्सलाम, आज़ाद नगर, जमशेदपुर)

हज़रत मौलाना हाजी यासीन अहमद फैज़ी साहब (सद्र, मजलिस-ए-शरई, इदारा शरईया, मधुपुर, झारखंड)

इस अवसर पर जामिया फैज़ुल उलूम से फारिग होने वाले छात्रों की दस्तारबंदी की जाएगी:

तख़स्सुस (स्पेशलाइजेशन): 7 छात्र

फज़ीलत (एडवांस्ड इस्लामिक स्टडीज़): 21 छात्र

हिफ़्ज़ (कुरआन मेमोराइजेशन): 26 छात्र

तख़स्सुस फ़ी तजवीद व क़िरात: 12 छात्र

तजवीद व क़िरात (आम): 5 छात्र

उलमा-ए-किराम अपने बयानों में अल्लामा अरशद क़ादरी रहमतुल्लाह अलैह की बे मिसाल इल्मी और अदबी खिदमात, उनके लेखन की दूरदर्शिता, बेबाक ख़िताब और मस्लक-ए-आला हज़रत की ख़िदमत में उनके किरदार को उजागर करेंगे।
ज़बरदस्त जनसमूह की उम्मीद:

कार्यक्रम में भाग लेने वालों की संख्या 50,000 से अधिक रहने की संभावना है, जबकि समापन सत्र में यह आंकड़ा एक लाख तक पहुंच सकता है। देशभर से कई क़ाफ़िले जमशेदपुर पहुँचने वाले हैं। सभी ज़ायरीन के लिए बेहतर क़याम व तआम का प्रबंध किया गया है।

प्रशासन की ओर से सुरक्षा, ट्रैफिक और स्वास्थ्य सेवाओं के उत्तम प्रबंध किए गए हैं। शांति और सकून के साथ तमाम गतिविधियाँ संपन्न हों, इसके लिए दुआओं का सिलसिला जारी है।

अंत में अल्लामा अरशद क़ादरी रहमतुल्लाह अलैह के इसाल-ए-सवाब के लिए खास दुआ की जाएगी, और यह संकल्प लिया जाएगा कि उनकी फ़िक्र व मिशन को आगे बढ़ाने के लिए हम हमेशा प्रयासरत रहेंगे।

जारीकर्ता
तंजीम अबना ए फैजुल उलूम , जामिया फैज़ुल उलूम، जमशेदपुर

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