जमशेदपुर सरयू राय जादूगर है वो जब अपना दायां हाथ हवा में उठायें तो यह देखना होगा कि वो अपने बायें हाथ से क्या कर रहें हैं

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धर्मेन्द्र सोनकर पूर्वी सिंहभूम कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष (नगर) धर्मेन्द्र सोनकर के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भुइंयाडीह स्थित कल्याणनगर, छायानगर एवं इंदिरानगर में बसे तकरीबन 150 घरों को तोड़ने के नोटिस के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन करतें हुये साक्ची गोलचक्कर पर जमशेदपुर पूर्वी के निवर्तमान विधायक सरयू राय एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का पुतला दहन किया।विदित हो कि विगत शनिवार को जमशेदपुर के पूर्व सांसद एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डाॅ अजय कुमार ने परिसदन में प्रेस कांफ्रेंस यह रहस्योद्घाटन किया था कि संबंधित क्षेत्रों के 150 घरों के खिलाफ़ 30 अगस्त,2023 को राष्ट्रिय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) में अवैध अतिक्रमण की पहली शिकायत करने वाले कोई और नहीं बल्कि भाजपा के तत्कालीन जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री एवं स्थानीय विधायक सरयू राय के अनन्य मित्र अर्जुन मुंडा ही थे। पुतला दहन के पश्चात् मीडिया से बातचीत करतें हुये धर्मेन्द्र सोनकर ने मामलें पर और प्रकाश डालते हुये बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधि सरयू राय अपनी जवाबदेही पर बात करनें के, मुद्दे को भटकानें की कोशिश कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि पूरे मामलें को बिंदुवार ठीक से समझने की कोशिश करनी चाहिए ताकि सामान्य लोग इस बात को समझ पायें कि किस तरह भाजपा, सरयू राय एवं अर्जुन मुंडा जैसे लोगों को सामने रखकर आम जनता के हितों एवं उनके जीवन से खेलती रही है। यह सच हैं कि 6 जुलाई, 2024 को स्थानीय अंचल कार्यालय द्वारा जेपीएलई (झारखंड पब्लिक लैंड एनक्रोचमेंट) के तहत नोटिस दिया गया पर सच तो यह भी है कि इस अंचल कार्यालय के इस नोटिस की बुनियाद स्थानीय विधायक सरयू राय जी के परम मित्र श्री अर्जुन मुंडा द्वारा एनजीटी में की गई शिकायत थी और चार महीने पहले एनजीटी के ही आदेशानुसार जल-संसाधन विभाग, मानगो नगर-निगम, जेएनएसी एवं स्थानीय जिला प्रशासन को संयुक्त सर्वेक्षण रिपोर्ट देना पड़ा था। सनद रहें कि एनजीटी जैसी केंद्रीय संस्था के आदेश का उल्लंघन स्थानीय प्रशासन या विभाग चाहकर भी नहीं कर सकता। अतः स्थानीय प्रतिनिधि होने के कारण सरयू राय को बताना ही होगा कि आखिर किन परिस्थितियों में जनजातीय मामलों के एक केंद्रीय मंत्री को पर्यावरण मामलें में शिकायत करनी पड़ी उन्हें अपनी क्षेत्र की जनता को यह बताना होगा कि जब उन्हें एनजीटी में की गई शिकायत को लेकर अर्जुन मुंडा से सवाल करने चाहिए तो आखिर क्या मजबूरी है उनकी कि स्वयं वे तथा उनकी पार्टी के पदाधिकारी अर्जुन मुंडा का बचाव कर रहें हैं

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