सैकड़ों की तादाद में पारंपरिक हथियारों से लैस खतियानधारी रैयतदारों ने अपनी रैयती जमीन पर बिहार स्पोंज आईरन कंपनी के रेलवे ट्रैक को किया जाम

चांडिल। चांडिल प्रखंड स्थित हुमिद में पंच ग्राम विस्थापित एवं प्रभावित समिति,छोटालाखा के बैनर तले पांच गांव के सैकड़ों की संख्या में महिला एवं पुरुष पारंपरिक हथियारों से लैस खतियानधारी रैयतदारो ने बड़ालाखा और मानिकुइ स्थित बिहार स्पंज आयरन कंपनी जाने वाले रेलवे ट्रैक पर पहुंचे तथा बिहार स्पंज आयरन कंपनी जाने वाली रेलवे ट्रैक पर बैठकर ट्रैक को जाम कर दिया। खतियानधारी रैयतदारों ने वनराज स्टील कंपनी के द्वारा समझौते के उलंघन किए जाने का विरोध किया तथा कंपनी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रैयतदार अपनी मांगों पर डटे रहे। इस दौरान पुलिस प्रशासन से नोक झोंक भी हुई। बता दें की खतियानधारी रैयतदारों ने अपनी मांगों को लेकर गत 14 फरवरी से रेलवे ट्रैक को जाम किए हुए है। सोमवार को खतियानधारी रैयतदार आर पार की लड़ाई का एलान करते हुए कंपनी प्रबंधन के द्वारा उनकी मांग नहीं माने जाने पर अनिश्चितकालीन के लिए कंपनी के रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया गया है। सोमवार को दिन भर बड़ालाखा एवं मानिकुई में रेलवे ट्रैक पर जमीन दाता डटे रहे तथा वनराज स्टील कंपनी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। समिति के सचिव आशुतोष बेसरा ने कहा की जबतक रेलवे का लोडिंग और अनलोडिंग का वर्क ऑर्डर पंच ग्राम विस्थापित समिति को नहीं दी जाती है तबतक रेलवे ट्रैक जाम रहेगी। इसके बाद भावी रणनीति और आंदोलन की रूपरेखा को लेकर खतियानधारी रैततदारो ने बैठक भी की। खतियान धारियों से निपटने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मामा गुरु चरण किस्कू, आषुतोष बेसरा, जगन्नाथ बेसरा, लखीकांत महतो, समर सिंह, मदन प्रसाद सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। चांडिल से जगन्नाथ चटर्जी कि रिपोर्ट।

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