चाईबासा : राजनीतिक परिचर्चा और मतदाता जागरूकता को लेकर शनिवार को हो समाज के बुद्धिजीवियों और मानकी-मुंडा संघ की परिचर्चा हुई। परिचर्चा में मतदान के प्रति समाज के जन साधारण को जागरूक करने का निर्णय लिया गया, साथ ही समाज के विभिन्न संगठन एवं संस्थाओ के प्रतिभागियों को मतदान के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। समाज के प्रबुद्धजनों एवं वक्ताओ ने इस बात पर गहरी चिंता जताया कि झारखण्ड के स्थापना काल के बाद से ही कोल्हान तथा सिंहभूम में हो आदिवासियों का जितना विकास अपेक्षित था, उसके अनुरूप विकास नगण्य हुआ है। कोल्हान की धरती खनिज संपदा से परिपूर्ण है, फिर भी यहां का बहुसंख्यक हो समाज विकास की दौड़ में पीछे रह गया। विकास के हर सूचकांक जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, जीविकोपार्जन, रोजगार, कुशल एवं दक्ष कार्य एवं राजनीतिक आदि क्षेत्र में हो समाज तथा कोल्हान पिछड़ता जा रहा है। खनिज संपदा से परिपूर्ण होने के वाबजूद कोल्हान की जनता और गाँव में बुनियादी सुविधा का घोर अभाव है। युवा वर्ग बेरोजगार है। आज भी सिंहभूम के कोने कोने से हो समाज के युवा रोजगार की तलाश में पलायन करने के लिए विवश हैं। वक्ताओं एवं प्रतिभागियों ने एक स्वर में इस बात का समर्थन किया कि अब हो समाज को एक राजनीतिक विकल्प के रूप में आगे बढ्ने का समय आ गया है, इसलिए हो समाज की राजनीतिक शक्ति का ध्रुवीकरण करना जरूरी है। उपस्थित सदस्यों ने विश्वास जताया कि लोकसभा चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव में हो समाज एकजुटता के साथ सभी राजनीतिक पार्टियों का सामना करेगा। समाज के इस राजनीतिक परिचर्चा में हो समाज के विभिन्न सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन एवं संस्थाओं के प्रतिनिधिगण उपस्थित हुए।