विगत 1992 से यह यात्रा निकाली जा रहीं है और तक़रीबन विगत आठ वर्षो से इसकी भवयता और बढ़ गई है, यात्रा के पुरे मार्ग कों भगवा ध्वज से पाट दिया गया है, अयोध्या मे रामलल्ला के वापसी के बाद इस बार इसे और भव्य रूप मे मनाया जा रहा है, आयोजकों ने कहा कि यात्रा कि तैयारियां पूरी कर ली गई है, उन्होंने कहा कि पहली जनवरी कों मनाये जाने वाला नया साल पाश्चात्य सभ्यता कों दर्शता है जबकि सनातनी संस्कृति के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के तिथि मे नव वर्ष कि शुरुवात होती है, और इसी संस्कृति कों नई पीढ़ी तक पहँचाने हेतु इसका आयोजन हर वर्ष किया जाता है, उन्होंने कहा कि यात्रा मे किसी प्रकार का असला या हथियार लेकर लोग शामिल नहीं होंगे बल्कि सभी के हाथों मे भगवा ध्वज रहेगा. बता दें कि इस यात्रा मे सैकड़ों कि संख्या मे लोग पुरे कोल्हान क्षेत्र से शामिल होते हैं, साथ ही प्रसाशनिक नियमों के तहत तमाम सुरक्षा के इंतेज़ाम भी इसमें किये गए हैं.