
जमशेदपुर: रमज़ान-उल-मुबारक के तीसरे जुमे की नमाज़ अदा की गई. इस नमाज़ में रोज़ादारों की भीड़ उमड़ी. सभी ने नमाज़ अदा की और जुमा का खुतबा सुना. जुमे के खुतबे में उलमा ने लोगों से जालिमों की हिमायत न करने की नसीहत दी. मानगो के ज़ाकिर नगर की शिया जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना ज़की हैदर साहब ने अपने खुतबे में कहा कि रमज़ान उल मुबारक में रोज़ादार को गुनाहों से तौबा करनी चाहिए. गुनाहों से तौबा का मतलब यह है की फिर रोज़ादार अहद कर ले कि आगे वह गुनाह नहीं करेगा. उन्होंने बताया कि छठे इमाम इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम के पास एक शख्स आया और कहा कि उसका एक दोस्त एक जालिम बादशाह के यहां नौकरी करता है. क्या उसको आपके पास लाया जा सकता है. इमाम ने इजाजत दी. वह शख्स अपने दोस्त को लेकर आया. उसके दोस्त ने इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम से बताया की वह जालिम बादशाह के यहां नौकरी करता है. क्या उसका गुनाह माफ हो सकता है. इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने कहा की हां माफ हो सकता है. मगर एक शर्त है. इमाम ने जालिम बादशाह के यहां नौकरी करने वाले शख्स से कहा कि उसको तभी माफी मिल सकती है जब वह ज़ुल्म के ज़रिए कमाई गई सारी दौलत उसके हकदार तक पहुंचा दे. जिन हकदार के बारे में उसे पता नहीं है उसको उसके नाम से सदका कर दे. इसके बाद उस शख्स ने अपनी सारी दौलत हकदार में बांट दी और सदका कर दी। मौलाना ज़की हैदर साहब ने नसीहत की कि हमेशा मज़लूम की हिमायत करो. जालिम की कभी मदद ना करो. जालिम कंपनियों का सामान भी खरीदने से परहेज करो. जुमा की नमाज साकची जमा मस्जिद, आम बागान मस्जिद, गोलमुरी मस्जिद, जुगसलाई, सोनारी, बारी नगर, शास्त्री नगर आदि जगहों की मस्जिदों में भी पढ़ी गई.