जमशेदपुर ब्लड सेंटर के इतिहास में तकनीशियन धीरज कुमार बना जेवीसी का पहला 50 बां एसडीपी रक्तवीर योद्धा.

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88 बां स्वैच्छिक रक्तदान को किया पुरा. अपने इस मानव सेवा को धीरज ने अपने मां स्वगीर्य सुगा देवी जी के नाम किया समर्पित. जमशेदपुर ब्लड सेंटर, प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन एवं कई संस्थाओं ने मिलकर मनाया उत्सव.

आज जमशेदपुर ब्लड सेंटर के लिए गर्व का क्षण रहा. क्युंकी जमशेदपुर ब्लड सेंटर यानी जेवीसी में ही कार्यरत अनुभवी एवं वरीय तकनीशियन धीरज कुमार ने मानवता का मिसाल पेश करते हुए आज प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन एवं जमशेदपुर ब्लड सेंटर के आह्वान पर, अपना 50 बां सिंगल डोनर प्लेटलेट्स यानी एसडीपी रक्तदान करते हुए, अपने जीवन का 88 बां स्वैच्छिक एवं सुरक्षित रक्तदान को भी पूर्ण कर लिया. और अपने इस अतुलनीय मानव सेवा के योगदान को मां स्वगीर्य सुगा देवी जी के नाम समर्पित कर दिया. इसी एसडीपी रक्तदान के जरिए, एसडीपी रक्तदान के क्षेत्र में एक विशाल अभियान चलाते हुए पीएसएफ ने 809 बां एसडीपी रक्तदान के आंकड़े को छू लिया. हम सभी को आज जमशेदपुर ब्लड सेंटर एवं निश्चित तौर पर यहां के पदाधिकारियों के उप्पर गर्व होना चाहिए, क्युंकी ये सभी पदाधिकारी सिर्फ अपने कर्म को ही प्राथमिकता नहीं देते, जब जब किसी जरूरतमंद को रक्त की आवश्यकता हुआ, सबसे पहले अपना कदम आगे बढ़ाते हुए, मानव प्रेम के तहत निभाया इंसानियत धर्म. इसी सोच के साथ सभी पदाधिकारियों के अंदर मानव प्रेम को कुट कुट कर भरा जाता है. आज रक्तदान करने के पूर्व रक्तवीर योद्धा धीरज कुमार को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया एवं रक्तदान करने के पश्चात पीएसएफ, जेवीसी, एवं टाटा स्टील फाउंडेशन अर्बन सर्विसेस के द्वारा, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह, रक्तदान जागरूकता टी-शर्ट, प्रदान किया गया. इस पावन बेला पर उपस्थित रहे जमशेदपुर ब्लड सेंटर के जीएम संजय चौधरी, डॉक्टर निर्जला झा, पीएसएफ के निर्देशक अरिजीत सरकार, विजोन सरकार, किशोर साहू, तकनीशियन अभिषेक धर, मनोज कुमार महतो, त्रिलोचन बाग, एवं अरुणभो मोइत्रा.

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