
इसे लेकर आदिवासी हो समाज ने बुधवार को आंदोलन शुरू कर दिया है। आदिवासी हो समाज के लोगों का कहना है कि इस मामले की शिकायत टाटा लीज के तहसीलदार से की गई थी। लेकिन, शायद उनकी भी मिली भगत है। इसलिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। लोगों का कहना है कि इस जमीन को बस्ती वासियों ने बचा कर रखा है। यह जमीन किसी को आवंटित नहीं है। टाटा लीज की जमीन इस तरह किसी को नहीं दी जाती। इसके लिए बाकायदा प्रक्रिया है। फिर भी लोग टाटा लीज की जमीन की लूटमार करने में लगे हुए हैं।