समिति के सदस्यों ने बताया कि स्वामी आसाराम बापू बेगुनाह और निर्दोष हैं. 80 साल के उम्र में उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट हो रही है. 11 साल के भीतर उन्हें आजतक पेरोल नहीं दिया गया. उनके उम्र और आचरण को ध्यान में रखते हुए उन्हें रिहा करना चाहिए. बापू के अनुयायियों ने बताया कि जेल में उन्हें एलोपैथिक दवाइयां दी जा रही है जबकि बापू आयुर्वेद दवाइयां लेना चाहते हैं, मगर उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी जा रही है. उनपर लगे आरोप आजतक साबित नहीं हुए हैं फिर भी उन्हें सलाखों के पीछे रखा गया है, जबकि कई साधु संतों को उम्र और स्वाथ्य कारणों से जमानत दे दी गई है.