बिखरे हुए समाज कों एक जुट कर समाज की उन्नति हो इसको लेकर इस समारोह का आयोजन किया गया था, परिषद के लोगों ने बातचीत के क्रम मे बताया की समाज मे इन दिनों सब अलग अलग है और सबको जोड़कर एक मंच मे लाने का यह प्रयास है, उन्होंने कहा की संयुक्त बिहार राज्य मे इन्हे अनुसूचित जाती का दर्जा प्राप्त था लेकिन झारखण्ड राज्य अलग होने के उपरांत इन्हे अनुसूचित जाती के श्रेणी से बाहर कर दिया गया, इन्होने कहा की इस कारण से इन्हे इनका हक़ और अधिकार नहीं मिल रहा है, इन्होने स्पस्ट तौर पर कहा की राज्य भर मे इनकी संख्या 15 लाख के करीब है और जो भी राजनितिक दल इनके हितों की बात करेंगी वें उन्ही का समर्थन आगामी चुनावों मे करेंगे.