गए। सम्मेलन को लेकर बंगभाषियों में उत्सव सा माहोल रहा। सभी वक्ताओं ने आने वाले दिनों में एकजुट होकर रहने का संकल्प लिया तथा भाषा एवं संस्कृति को बचाए रखने के लिए चरणबद्ध आंदोलन जारी रखने का भी निर्णय लिया गया। वक्ताओं में मुख्य रूप से चाईबासा से आए प्रतिनिधि काबू दत्ता ने कहा कि वर्तमान में बंगभाषियों की अपेक्षा की जा रही है यह बर्दाश्त के बाहर है। वहीँ आयोजन समिति के अध्यक्ष अचीनतम गुप्ता एवं महिला सदस्यों ने बताया की राज्य मे लाखों लाख की आबादी बंगभासियों की है बावजूद इसके बंग समाज की उपेक्षा की जा रही, इन्होने कहा की किसी भी दूसरे भाषा से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन बंग समाज और बंगला भाषा कों भी उनका अधिकार देना होगा अन्यथा आने वाले चुनावों मे बंग समाज एकजुट होकर अपने अधिकार कों हासिल करेंगे.