ढाई अक्षर प्रेम के इस नाम से इस सद्भाव यात्रा की शुरुआत राजस्थान के अलवर जिले से शहीद भगत सिंह के जयंती के अवसर पर 28 सितंबर को किया गया राजस्थान से लेकर अन्य राज्यों का भ्रमण करते हुए यह यात्रा 8 दिसंबर को झारखंड में प्रवेश कर गई और 12 दिसंबर के बाद यह यात्रा अन्य राज्य के लिए कूच कर गई इस यात्रा का नेतृत्व कर रहे नेतृत्व करता ने बताया कि हमारे देश में ज्ञान की कमी नहीं है बावजूद देश में मार काट मचा हुआ है लोग एक दूसरे को देखना नहीं चाहते ऐसे में प्यार और प्रेम का संदेश बांटने के उद्देश्य से इस यात्रा की शुरुआत हुई है जो की 30 जनवरी को दिल्ली में बापू के शहादत दिवस के अवसर पर उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद इसकी समाप्ति की जाएगी उन्होंने कहा कि समाज से नफरत मिटाकर पूरे समाज को संगठित करना एक दूसरे को जोड़ना यही इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है ताकि समाज में प्यार सद्भाव एकता बनी रहे