निर्धारित मार्ग से होते हुए साकची गुरुद्वारा में शाम साढ़े चार बजे पहुंच कर संपन्न होगी. जहां आतिशबाजी के साथ पालकी साहिब का स्वागत किया जायेगा. नगर कीर्तन के दर्शनीय आयोजन और सफलता के लिए सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) पूरी तरह से तत्पर दिखी. इस दौरान सभी गुरुद्वारा के प्रतिनिधि भी सक्रिय थे. बिष्टुपुर गुरुद्वारा से गुरु महाराज की पालकी साहिब की रवानगी अरदास के बाद हुई. यहां मौजूद गुरुप्रेमी साध-संगत ने गुरु महाराज की शान में पुष्प वर्षा कर की. पालकी साहिब के स्वागत के लिए नगर कीर्तन वाले मार्ग में 35 से अधिक सजावटी तोरण द्वार व 50 से ज्यादा शिविर लगाये गए थे. इन शिविरों में बिस्कुट, फल, चाकलेट, पानी सहित अन्य खाद्य पदार्थ का वितरण किया गया था. इसमें विभिन्न राजनीतिक व समाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने शामिल होकर अपनी हाजिरी भरी. नगर कीर्तन के दौरान ट्रैफिक की जिम्मेदारी सेंट्रल सिंह नौजवान सभा ने संभाली.