जिससे फोर्स के साथ पहुंचे जियाडा और जमुना ऑटो के अधिकारियों को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. आक्रोशित ग्रामीण हरवे- हथियार से लैस थे और किसी सूरत में जमीन पर कब्जा न करने देने पर अड़े रहे. मामला बिगड़ता देख एसडीओ एवं डीएसपी हेडक्वार्टर दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने में जुट
दरसल हथियाडीह में जियाडा द्वरा उद्यमियों को जमीन आवंटित किया जा रहा है. उसी में से जमुना ऑटो भी शामिल है. जियाडा द्वरा इससे पूर्व ग्राम सभा भी बुलाई गई थी, जिसमे खेल के मैदान को डेवलप करने और सीएसआर के तहत आसपास के ग्रामीणों को सुविधाएं मुहैया कराने की सहमति बनी थी. बुधवार को कपनी 13 एकड़ जमीन की घेराबंदी करने लाव- लश्कर के साथ पहुंची, मगर ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया. विरोध करने पहुंची महलाओं ने बताया कि वर्षों से यह भूखंड फुटबॉल मैदान के रूप में प्रयोग होता रहा है. यहां आसापास के युवा खेलने- कूदने जुटते है. जियाडा द्वारा उन्हें धोखे में रखकर उद्योग लगाने के लिये कंपनी को आवंटित कर दिया गया है. ग्रामीण महिलाओं ने साफ कर दिया है कि किसी भी सूरत में उद्योग लगाने के लिए मैदान पर कब्जा होने नहीं दिया जाएगा. इधर ग्रामीणों के विरोध को लेकर लाव- लश्कर के साथ पहुंचे जमना ऑटो के अधिकारियों ने बताया कि जियाडा द्वारा उन्हें उद्योग लगाने के लिए 13 एकड़ जमीन आवंटित किया गया है. इसकव लेकर ग्रामसभा भी हुई थी. उनके द्वारा नया खेल का मैदान विकसित करने का भरोसा दिलाया गया है, बावजूद इसके ग्रामीण जबरन विरोध कर रहे है. फिलहाल दोनों ओर से विरोध को देखते हुए एसडीओ पारुल सिंह, डीएसपी हेडक्वार्टर चंदन कुमार वत्स, आदित्यपुर सहित दो- तीन थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई है. ग्रामीणों से वार्ता चल रहा है. आगे देखना यह दिलचस्प होगा कि ग्रामीण किस शर्त पर मानते है. मानेंगे भी या नही. फिलहाल त्रिपक्षीय वार्ता जारी है.