
सरायकेला
जल सत्याग्रह हजारों की संख्या में महिला- पुरुष शामिल
सरायकेला- खरसावां जिला के अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के बैनर तले घोषित जल सत्याग्रह को लेकर चांडिल डैम के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया. दूसरी ओर ईचागढ़ प्रखंड के पातकुम स्वर्णरेखा नदी घाट में सैकडो की तादात में विस्तापितो ने जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है. जगह- जगह दंडाधिकारियों के साथ पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है. पुलिस प्रशासन के वरीय अधिकारी भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. इस दौरान अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण रूप से आंदोलन नहीं करने देना संवैधानिक अधिकारों का हनन है. उन्होंने कहा कि अपनी जायज मांगों के समर्थन में मंच के बैनर तले विस्थापित आंदोलन कर रहे हैं. चरणबद्ध आंदोलन के क्रम में चांडिल डैम में जल सत्याग्रह करने का कार्यक्रम था. जिसे पुलिस प्रशासन के द्वारा रोका गया. उन्होंने कहा जल सत्याग्रह कोई असंवैधानिक आंदोलन नहीं है. विस्थापितों ने बताया कि आंदोलन में सहयोग करें और उन्हें अपना आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से करने की इजाजत दें. जमीन लेने के 40 वर्षों के बाद भी विस्थापितों को मुआवजा और संपूर्ण पुनर्वास की सुविधा नहीं मिलना अपने आप में अपराध है. सरकार और प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है.