जमशेदपुर के भुइयांडीह कालिंदी भवन में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें देश के प्रख्यात सर्प रेस्क्यू विशेषज्ञ सुदीप्तो डे उर्फ बापी ने शिरकत की और जमशेदपुर के स्नैक कैचर रेस्क्यू टीम के सदस्यों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए उनका मार्गदर्शन किया. साथ ही नई तकनीक की जानकारी के साथ सर्पदंश से बचाव की जानकारी साझा की. उन्होंने शहर के स्नैक कैचरों के लिए वन विभाग से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की ताकि उनका मनोबल बढ़ सके. बापी ने बताया कि ज्ञान के अभाव में देश में हर साल 50 हजार लोगों की मौत सर्पदंश से हो रही है. उन्होंने सर्पदंश के शिकार मरीजों के लक्षण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी और कहा कुछ लोगों की मौत चिकित्सक की लापरवाही से भी हो रही है, जिसे सर्पदंश का रूप दिया जा रहा है. हर सांप जहरीला नहीं होता है. उन्होंने कहा कि सांपों की रक्षा करना बेहद जरूरी है, क्योंकि सांप से कैंसर जैसे असाध्य रोगों का इलाज किया जाता है. सांप से ही सांप के विष को निकालने की दवा बनाई जाती है. ऐसे में सांप को मार देना ही समाधान नहीं होता है. पेशे से रेलकर्मी बापी दा ने बताया धनबाद के गोमो में देश का पहला स्नेक बाइट अस्पताल का निर्माण कार्य अंतिम दौर में है. जल्द इस अस्पताल का उद्घाटन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सर्पदंश के शिकार मरीजों का उक्त अस्पताल में मुफ्त इलाज किया जाएगा. उन्होंने लोगों से सांप काटने के लक्षण को गंभीरता से समझने की अपील की ताकि अज्ञानता के अभाव में सर्पदंश के शिकार लोगों की समय पर जान बचाई जा सके. साथ ही सांपों की रक्षा हो सके.