हालांकि मौके पर मौजूद लोगों ने उसे समझाया जिसके बाद मामला शांत हुआ. दरअसल बहादुर टुडू की मानगो स्थित बालीगुमा में डेढ़ कट्ठा जमीन है जिसे भूमाफियाओं द्वारा कब्जा लिया गया था. मामला 35 साल कोर्ट में चला. कोर्ट ने बहादुर टुडू के पझ में फैसला सुनाया. बावजूद इसके प्रशासन द्वारा बहादुर टुडू को दखलदिहानी नहीं दी जा रही थी जिससे परेशान होकर बहादुर टुडू आत्मदाह रहने पहुंचा था.
35 साल बाद जीता केस
बहादुर टुडू ने बताया कि वह वर्तमान में कदमा शास्त्रीनगर का रहने वाला है. मानगो के बालीगुमा में उसकी डेढ़ कट्ठा जमीन है जिसपर कब्जा कर लिया गया है. उसकी मां ने कोर्ट में केस किया था. मां के मरने के बाद वह केस लड़ रहा था. बीते दिनों कोर्ट ने उसके हक में फैसला सुनाया था. बावजूद इसके जमीन पर दखल नहीं मिल रहा था. अंत में उसने आत्मदाह का फैसला लिया. हालांकि, मौके पर एलआरडीसी द्वारा आश्वासन के बाद उसने अपना फैसला बदल लिया है.