
इस साल से छात्रों के लिए बीबीए और बीसीए कोर्स को भी जोड़ा गया है. आरवीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के चेयरमैन भरत सिंह ने कहा कि जल्द ही आरवीएस यूनिवर्सिटी के रूप में इसे विकसित किया जाएगा. वही संस्थान के भविष्य को लेकर यहां के शिक्षकों ने बताया कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाने वाले छात्रों के लिए बीसीए और बीबीए करना आसान नहीं था. संस्थान ने दोनों संकायों को जोड़कर एक नई शिक्षण पद्धति की शुरुआत की है जिससे छात्रों को काफी लाभ मिलेगा. बताया कि आज के दौर में बड़े- बड़े मल्टीनेशनल कंपनियों में ऐसे छात्रों की विशेष डिमांड है. शिक्षकों ने बताया कि इस साल के नामांकन की प्रक्रिया जारी है. पहले 50 छात्र- छात्राओं को नामांकन में रियायत दी जाएगी.