सरायकेला जिले के आदित्यपुर नगर निगम वार्ड दो अंतर्गत भुरकाडीह तालाब में मछली पालन कर रहे मत्स्यजीवी किसानों को बड़ा झटका लगा है

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आदित्यपुर

सरायकेला जिले के आदित्यपुर नगर निगम वार्ड दो अंतर्गत भुरकाडीह तालाब में मछली पालन कर रहे मत्स्यजीवी किसानों को बड़ा झटका लगा है. जहां बुधवार की सुबह लाखों की मछलियां तालाब में मृत पायी गयी, जिसके बाद किसानों में मायूसी छा गयी है. मत्स्यजीवी किसान फूलचंद सिंह सरदार के अनुसार करीब पांच लाख से ज्यादा की मछलियां मृत पायी गयी है. उन्होंने बताया कि इस तालाब से स्थानीय बाजारों के अलावा आढ़त में भी मछलियां भेजी जाती हैं. यह तालाब दर्जनभर मत्स्यजीवी किसानों के जीविकोपार्जन का एकमात्र श्रोत है. मछलियों के मरने से उन्हें भारी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने बताया कि भुरकाडीह तालाब में श्रीपुरम सोसायटी का प्रदूषित पानी बहाया जाता है. साथ ही तालाब के इर्द- गिर्द बसे अन्य बस्ती का प्रदूषित पानी भी इसमें बहाया जा रहा है. कई बार मना करने पर भी उनके द्वारा पानी तालाब में गिराना बंद नहीं किया गया, जिसका दुष्परिणाम आज सामने आ गया है. उन्होंने इस पूरे प्रकरण के जांच की मांग की साथ ही नुकसान की भरपाई की भी मांग की है. उन्होंने बताया कि इस तालाब में आसपास के ग्रामीण स्नानादि नित्यकर्म के लिए भी आते हैं, साथ ही आसपास के मवेशी भी पानी पीने आते हैं. प्रदूषण की वजह से उन्हें भी नुकसान पहुंच सकता है. बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब इतने बड़े पैमाने पर मछलियों की मौत हुई है. इससे पूर्व भी इस तालाब में मछलियां मृत पायी गयी थी. इसके अलावा जमुना तालाब, बर्गीडीह तालाब में भी मछलियां मृत पाई गई थी. सभी तालाबों के आसपास उद्योग या रिहायशी कॉलोनी हैं जिसके प्रदूषित पानी तालाब में प्रवाहित किये जाने की वजह से मछलियों की मौत हो चुकी है, हर बार नुकसान मत्स्य पालकों को उठाना पड़ा है. बावजूद इसके प्रदूषण विभाग और स्थानीय प्रशासन इसको लेकर गंभीर नहीं है. फूलचंद सरदार इस घटना के पीछे साजिश की आशंका जता रहे हैं. दरअसल तालाब के इर्द-गिर्द बड़ी रिहायशी कॉलोनियां हैं. भू- माफियाओं की नजर तालाब पर है. उन्होंने मछलियों के मौत की जांच की मांग की है. उन्होंने बताया कि कई बार श्रीपुरम सोसाइटी से तालाब में चूना डलवाने की मांग की गई मगर उनके द्वारा मदद नहीं किया गया.

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