दलमा राजा राकेश हेंब्रम दलमा पहाडी के तलहटी गांव फदलोगोडा पहुंच गये हैं.उन्होंने आज वन देवी-देवता व अस्त्र-शस्त्रों की पूजा अर्चना की. दलमा राजा ने सेंदरा बीरों के कुशल मंगल वापस आने के लिए वन देवी-देवताओं से प्रार्थना किया. साथ ही इस वर्ष भी अच्छी बारिश व फसल के लिए विशेष रूप से वन देवी-देवताओं के चरणों में नतमस्तक हुए. सेंदरा वीरों ने भी वन देवी-देवताओं के चरणों में माथा टेका. मालुम हो कि आज प्रात: सुबह से ही सेंदरा बीरों का आना शुरू हो गया है. वे छोटे-बडे वाहनों में पहाडी के तलहटी गांव पहुंच रहे हैं. सेंदरा बीरों का यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहेगा. सेंदरा वीर आज दलमा पहाडी के तलहटी स्थित गिपितीज टांडी अर्थात विश्राम स्थल पर रात्रि विश्राम करेंगे. वहीं कल यानी सोमवार को प्रात: सुबह सेंदरा बीर शिकार खेलने के लिए घने जंगलों की ओर कूच करेंगे. सेंदरा का सफल संचालन के लिए वन विभाग के पदाधिकारियों के साथ सेंदरा कमिटी का कई दौर बैठक हुई. दलमा राजा ने विभाग के पदाधिकारियों से सेंदरा में सहयोग करने की अपील की है. वन विभाग ने दलमा की ओर आने वाली रास्तों पर कई जगह चेकनाका बनाया है. साथ ही मजिस्ट्रेट की. ठीक उसी के तर्ज पर वन विभाग के सभी चेकनाका में सेंदरा कमिटी एवं पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था की ओर से भी सामाजिक मजिस्ट्रेट को तैनात किया गया है. जो सेंदरा वीरों को सहयोग के लिए तत्पर रहेगा. साथ ही किसी तरह की परेशानी होने पर उन्हें सहयोग प्रदान करेगा. इसके लिए कमेटी ने टोल फ्री नंबर भी जारी किया है. कल सोमवार यानी एक मई को दोपहर 2:30 बजे से पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के द्वारा लो वीर विचार अखाड़ा आयोजन किया गया है. जहां पर सिंगराई नाच के साथ-साथ समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा किया जाएगा।. लो वीर दोरबार में स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख, शिक्षाविद, बुद्धिजीवी व सेंदरा वीर शामिल होंगे.
