चांडिल
हाथियों के आतंक से सुरक्षा की मांग को लेकर फूटा महिलाओं का आक्रोश

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सरायकेला – खरसवां जिले के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में गजरा जो का तांडव जारी है आए दिन हाथियों के उत्पात के ग्रामीण शिकार हो रहे हैं वन विभाग गजराज ओके आतंक को रोक पाने में विफल साबित हो रही है जिससे क्षेत्र के लोगों के सब्र का बांध टूट गया और सोमवार को क्षेत्र की महिलाओं ने सड़क जाम कर हाथियों से सुरक्षा की मांग को लेकर घंटो प्रदर्शन किया.

दरअसल चांडिल थाना क्षेत्र के तरकुआं पुनर्वास कॉलोनी के समीप सोमवार की सुबह सैकड़ों महिलाएं सड़क जाम पर उतरी. महिलाएं काफी आक्रोशित नजर आयीं और सरकार तथा प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

बता दें कि बीते एक सप्ताह से एक जंगली हाथी द्वारा क्षेत्र में तांडव मचाया जा रहा है. उक्त हाथी द्वारा चांडिल थाना क्षेत्र के मानिकुई, तारकुआं, कटिया, छोटा लाखा, बड़ा लाखा, बोहड़ाडीह आदि गांव में जान- माल को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. बीती रात भी उक्त जंगली हाथी ने जमकर तांडव मचाया है. बताया जा रहा है कि तारकुआं पुनर्वास कॉलोनी में हाथी ने कई घरों को अपना निशाना बनाया है. घरों की दीवारों और चारदीवारी को क्षतिग्रस्त किया है. वहीं, कई घरों को तोड़कर उसमें रखे अनाज को अपना आहार बनाया है.

बीती रात को विनोता सिंह सरदार नामक महिला अपने बच्चों के साथ घर में सोई हुई थी, उसका पति घर पर नहीं था. इसी दौरान हाथी द्वारा उसके घर को तोड़कर क्षतिग्रस्त किया गया और घर में रखे एक बोरी चावल को अपना आहार बना लिया. विनोता सिंह सरदार ने बताया कि रात को वह अपने पांच बच्चों को लेकर सो रही थी कि अचानक हाथी ने उसके घर पर हमला कर दिया. वह काफी डरी सहमी हुई हैं. हाथी से किसी तरह जान बचाई है. वहीं, कार्तिक कुम्हार के चारदीवारी को तोड़कर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया है.

यही वजह है कि सोमवार की सुबह क्षेत्र की महिलाओं ने चांडिल- कांड्रा मुख्य सड़क को जाम कर दिया और प्रशासन से हाथियों के आतंक से सुरक्षा देने की मांग की. जाम के कारण सड़क के दोनों छोर में वाहनों की लंबी कतार लग गई. मोटरसाइकिल और कार बाईपास सड़कों का उपयोग कर किसी तरह आते- जाते रहे, जबकि भारी वाहनों की लंबी कतार लग गई. इधर सड़क जाम की सूचना पर चांडिल पुलिस मौके पर पहुंची और आक्रोशित महिलाओं को समझाने में जुट गयी.

चांडिल प्रमुख अमला मुर्मू ने कहा कि आए दिन जंगली हाथियों द्वारा जान- माल का नुकसान पहुंचाया जा रहा है, लेकिन वन विभाग कुम्भकर्णी निंद्रा में सोई हुई है. विभाग की लापरवाही के कारण ही यह घटनाएं हो रही हैं. विभाग की शिथिलता का परिणाम आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. अमला मुर्मू ने कहा कि हाथियों द्वारा किए जा रहे नुकसान की क्षतिपूर्ति मुआवजा देने में भी वन विभाग विफल है, इसलिए ग्रामीणों का आक्रोश जताना जायज है.
बाद में प्रमुख अमला मुर्मू ने ग्रामीणों को शांत कराया तथा पीड़ितों को मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया. प्रमुख अमला मुर्मू ने निजी स्तर से हाथी पीड़ित महिला विनोता सिंह सरदार को तत्काल खाद्य सामग्री उपलब्ध कराया. प्रमुख ने खाद्य सामग्री में चावल, दाल, आलू, तेल इत्यादि व्यवस्था करवाया और मुआवजा दिलाने में हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया. वहीं सूचना पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि विभाग लगातार अपने स्तर से हाथियों को भगाने के प्रयास में जुटी है. फिलहाल सरकारी स्तर पर जो प्रावधान है, उसके तहत प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जाएगा. बाकी कागजी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद दी जाएगी. करीब 5 घंटों के जद्दोजहद के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम वापस ले लिया.

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