जो खतियान की बात करेगा वही झारखंड पर राज करेगा. ये सब बाते मंगलवार को जमशेदपुर के गोपाल मैदान में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कही. खतियान जोहर यात्रा के दूसरे चरण में हेमंत सोरेन जमशेदपुर पहुंचे थे जहां उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए हुंकार भरी. इस दौरान उन्हे सुनने के लिए पूरे जिले से भारी संख्या में लोग गोपाल मैदान में पहुंचे थे. मंच पर उनका स्वागत किया गया. सभा को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन के 1932 के खतियान कानून को राज्यपाल द्वारा वापस लौटाने को लेकर कहा कि राज्यपाल केंद्र सरकार के इशारे पर चल रही है, यही कारण है कि खतियानी बिल को पास नही किया गया. खतियानी बिल के पास होने से राज्य के मूल वासियों को कई अधिकार मिल जाते जो केंद्र सरकार नही चाहते. जिन राज्यों में केंद्र सरकार की डबल इंजन की सरकार है वहां अपने मन मुताबिक कानून बना रही है. उन्होंने कहा कि अगर झारखंड की सरकार कोई नियम कानून बनाती है तो बिहार और यूपी के लोगों के पेट में दर्द होता है. राज्यपाल कहते है कि कानून बनाना भारत सरकार का काम है ना कि राज्य सरकार का. राज्य की 3.15 करोड़ जनता बोलती है कि जो 1932 के खतियानी है वही यहां के मूल वासी है. उन्होंने कहा कि राज्य में शुरुआत से ही आदिवासी और पिछड़े लोगों का शोषण होता क्यू रहा है. पूर्व में 20 सालों से दूसरी सरकार ने राज्य को लूटने का काम किया है. पर उनकी सरकार बनने के बाद वे लोग सोच रहे थे कि एक आदिवासी कैसे सरकार चला पाएगा पर आज वो लोग ही सरकार गिराने में लगे हुए है. केंद्र सरकार चोर की तरह सोचती है पर उन्हे नही पता कि वे खुद चौकीदार बनकर डटे हुए है. झारखंड के ही कुछ लोग सैलेरी लेकर केंद्र सरकार की दलाली कर रहे है. उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले महंगाई बढ़ने पर भाजपा की सरकार को महंगाई डायन लगती थी पर आज वही महंगाई उन्हे अपनी भाभी लगती है