कुड़मी समाज पूर्वी सिंहभूम के द्वारा जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया. उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन के माध्यम से जिला सचिव प्रकाश महतो ने बताया कि उनकी नौ सूत्री मांगों में मुख्य रूप से कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में सूचीबद्ध करने, भारत की जनगणना के भाषा सूची में स्वतंत्र रूप से कुडमालि भाषा कोड लागू करने एवं धर्म के कॉलम में सारना धर्म कॉलम लागू करने, कुडमालि भाषा को जनजातीय भाषा की मान्यता देते हुए संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध करने, कुडमालि भाषा की पढ़ाई प्राथमिक विद्यालय स्तर से लेकर महाविद्यालय और सभी विश्वविद्यालय स्तर तक कराते हुए सभी स्थानों पर यथोचित संख्या में कुड़मालि अध्यापकों और प्राध्यापकों की नियुक्ति करने, कुड़मालि भाषा के लिए विद्यालय स्तर से लेकर महाविद्यालय और विश्वविद्यालय स्तर तक वर्तमान में प्रयुक्त त्रुटिपूर्ण कुरमाली शब्द में संशोधन कर कुड़मालि करने, कुड़मालि एकेडेमिक बोर्ड और कल्चरल बोर्ड का गठन करने, प्रत्येक गांव, टोला मोहल्ला के जाहिरा थान, सारना थान, गोडाम (ग्राम) थान आदि पारंपरिक धर्म स्थलों की घेराबंदी और सौंदर्यीकरण करने एवं इसके लिए उक्त स्थल के पारंपरिक ग्राम प्रधान एवं पारंपरिक पुजारी को ही प्रतिनियुक्त करने, चुआड़ विद्रोह के महानायक क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो संताल हूल के वीर शहीद धानक महतो, मंदि विद्रोह के वीर शहीद कालिया मोहंता व भीम मोहता (ओडिशा), सविनय अवज्ञा आंदोलन के वीर शहीद गोकुल महतो, मोहन महतो, शीतल महतो, सहदेव महतो व गणेश महतो (प. बंगाल), भारत छोड़ो आंदोलन के वीर शहीद चुनाराम महतो व गोविंद महतो (प. बंगाल) आदि महापुरुषों की जीवनी और वीर गाथाओं को सरकारी पाठ्यक्रम में शामिल करने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर पुस्तकालय खुलवाये जाने की महत्वपूर्ण मांग की गई है.