सरायकेला जिले के गम्हरिया थाना अंतर्गत इंडस्ट्रियल एरिया लार्ज सेक्टर स्थित बिकी स्टील इंडस्ट्रीज के क्रेन ऑपरेटर मंगल थापा की संदिग्ध मौत के बाद कंपनी प्रबंधन द्वारा बगैर परिजनों को जानकारी दिए शव को सदर अस्पताल भिजवा दिया गया

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इधर परिजनों को प्रबंधन द्वारा मौत की सूचना दी गई. परिजन नेपाल से यहां पहुंचे, मगर उन्हें शव देखने नहीं दिया गया. कंपनी के वरीय अधिकारी कन्हैया उपाध्याय द्वारा परिजनों एक होटल में वार्ता के लिए बुलाया गया, मगर न तो शव देखने दिया गया, न ही मुआवजा से सम्बंधित वार्ता की गई. प्रबंधन के इस रुख को देखते हुए साथी कामगारों ने देर शाम परिजनों के साथ कंपनी गेट जाम कर दिया, बावजूद इसके प्रबंधन की ओर से कोई वार्ता करने नहीं पहुंचा. वहीं मामले की सूचना मिलते ही गम्हरिया थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची मगर प्रबंधन की ओर से किसी के सामने नहीं आने से वार्ता नहीं हो सका है. बताया जा रहा है कि मृतक पिछले 15 सालों से कंपनी में काम कर रहा था. बुधवार की शाम ड्यूटी के दौरान मंगल की अचानक तबीयत खराब हो गई थी. जिसे ईएसआईसी अस्पताल ले जाया गया था. जहां से जरूरी दवाइयां देकर वापस भेज दिया गया. गुरुवार को पुनः उसकी तबीयत खराब हुई उसे फिर दोबारा ईएसआईसी अस्पताल ले जाया गया, मगर उसकी तबीयत और बिगड़ने लगी. वहां से कुछ जरूरी दवाइयां देकर फिर वापस कंपनी भेज दिया गया. इसी दौरान और अधिक तबीयत खराब होने से मृतक ने कंपनी में ही दम तोड़ दिया. मृतक कंपनी के अंदर ही बने स्टाफ क्वार्टर में रहता था. वहां से बगैर किसी को सूचना दिए प्रबंधन द्वारा मृतक के शव को सदर अस्पताल भेज दिया गया. इसको लेकर मजदूरों में आक्रोश व्याप्त है.
इधर मौत की सूचना पर मृतक की पत्नी नेपाल से 2 बच्चों के साथ यहां पहुंची है, मगर उसे अब तक इंसाफ नहीं मिला है. यहां तक कि उसे अपने मृत पति का मुंह तक देखने नहीं दिया गया है, जो कहीं ना कहीं मजदूर के प्रति कंपनी की असंवेदनशीलता को दर्शाता है. घटना की सूचना मिलते ही नेपाली समुदाय के लोग कंपनी परिसर में इकट्ठा होने लगे. फिलहाल प्रबंधन की ओर से पक्ष रखने कोई नहीं सामने आया है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि प्रशासनिक स्तर पर इस मामले में क्या पहल की जाती है. जमशेदपुर महानगर भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष ज्योति अधिकारी भी पहुंची, मगर प्रबंधन की ओर से वार्ता के लिए कोई सामने नहीं आया. ज्योति अधिकारी ने 25 लाख मुआवजा और आश्रित को नौकरी देने की मांग की है,

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