संगोष्ठी का विषय ‘ माझी रामदास टुडू ” रस्का” एवम पद्मश्री प्रो.दिगंबर हंसदा जी का जीवन तथा उनके द्वारा किया गया कार्य ‘। ज्ञात हो की यह संस्था अखिल भारतीय स्तर पर संताली लेखक,कवि,साहित्यिकों का एक स्वतंत्र मंच है।
आज कार्यक्रम का प्रारंभ में पंडित रघुनाथ मुर्मू,रस्का माझी रामदास टुडू एवम प्रो.दिगंबर हंसदा के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।इस अवसर स्वागत गीत श्रीमती.मनी सोरेन एवम रीना हंसदा प्रस्तुत किया।
स्वागत भाषण डॉ. गुमदा मार्डी ने दिया।संगोष्ठी का अध्यक्षता श्री.सारदा प्रसाद किस्कू ने किया। साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित सह महासचिव,संताली राइटर्स एसोसिएशन,न्यू दिल्ली के श्री.गणेश ठाकुर हंसदा ने सभी अतिथियों का परिचय कराया। इस अवसर पर सन् 2021 वर्ष के लिए युवा साहित्य अकादेमी अवार्ड से विभूषित सुश्री.सालगे हंसदा को शॉल ओढ़ कर सम्मानित किया गया।
संगोष्ठी का विषय प्रवेश श्री. विरोद हंसदा ने किया।यह संगोष्ठी दो सत्र में संपन्न हुआ।प्रथम सत्र में विषय था
‘ माझी रामदास टुडू “रस्का” जी का जीवनी एवम कार्य ‘ इस सत्र में वक्ता थे प्रख्यात लेखक
” खेरवाल बैसी ” श्री.सारदा प्रसाद किस्कू।इसके अलावे डॉ. सुनील मुर्मू,चांडिल कॉलेज से एवम विश्व सारना संगठन के अध्यक्ष श्री.मंगल माझी भी प्रथम सत्र में वक्ता के रूप में उपस्थित थे। संगोष्ठी का दूसरा सत्र में विषय रहा ‘पद्मश्री प्रो.दिगंबर हंसदा जी का जीवनी एवम कार्य ‘।इस सत्र में वक्ता के रूप में डॉक्टर डोमनीमई मुर्मू,एस.पी.मुखर्जी यूनिवर्सिटी,रांची एवम प्रो.सीता मुर्मू,एलबीएसएम कॉलेज,करनडीह, जमशेदपुर उपस्थित थी।
डॉक्टर.सुनील मुर्मू ने कहा की सामाजिक उत्थान ओर पुनरुद्धार में रामदास टुडू” रस्का” का आविष्मरणीय योगदान रहा है।उन्होंने संताल समाज को साहित्यिक ,धार्मिक,सांस्कृतिक ओर सामाजिकता के सूत्रों में बड़े सुंदर तरीके से पिरोया है।
डॉक्टर.डूमनिमाई मुर्मू ने कहा की पद्मश्री प्रो.दिगंबर हांसदा ने संताल समाज में
शैक्षनिक जागृति पैदा किए।उनका कृतित्व,व्यक्तित्व एवम विभिन्न पुरस्कार समाज के विद्यार्थियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।
इस संगोष्ठी में धन्यवाद ज्ञापन प्रो.अनिल कुमार मुंडा, छोटनागपुर कॉलेज, हेंसेल ने किया।
संगोष्ठी में भाग लेने वाले में से शिक्षिका रेणुका सोरेन(पश्चिम बंगाल)कई गीत प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।विभिन्न कॉलेज के छात्र छात्राएं इस संगोष्ठी में कविता एवम लघु कहानी प्रस्तुत किया जिसमे फूल परि मुर्मू,दीपकवराज मुर्मू,नरेंद्र कुमार मार्डी,दुर्गा प्रसाद मुर्मू, सीतामनी मुर्मू,संजीव कुमार मुर्मू,भागीरथी सोरेन,उमेश सोरेन,मनोज हंसदा,दीपक राज मुर्मू,सिवानी मुर्मू,अमीन हेम्ब्रम,रेणुका सोरेन, रतन भट्टाचार्जी, अमिय गोपाल दंडपात, मनोज हांसदा, सुकरा हो,बबली मुर्मू,चेतन चंद्र किस्कू,मंडल किस्कू,लखिंद्र किस्कू,लेफेम हांसदा,लक्ष्मण मार्डी, सांचला सोरेन,लक्ष्मी मुर्मू,सोमय मार्डी, कंडे मुंडा,नीलम हंसदा,पवित्र सोरेन,हीरेन मार्डी,प्रभास हांसदा,गौतम कुमार बोस” बास्के “,गोपाल हांसदा,दिनेश हांसदा,सुरेश हांसदा,दुलु हांसदा,भागवत मुर्मू,तुषार मार्डी,विशाल मार्डी,भागीरथी सोरेन, रूपाई मार्डी,रिया मुर्मू आदि को इस संगोष्ठी में भाग लेने के लिए सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया,

