गुजरात के खेड़ा जिले के मातर तहसील के उढेला गांव में बीते नवरात्रि के मौके पर हुए साम्प्रदायिक हिंसा के लिए मूलवासी संघ ने स्थानीय पुलिस प्रशासन और वहां के स्थानीय विधायक को जिम्मेदार बताते हुए राष्ट्रपति के नाम पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त को एक मांग पत्र सौंपा है. इसके माध्यम से संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष भातू हेम्ब्रम ने बताया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. यहां सभी जाति एवं संप्रदाय के लोगों को उनसे पर्व त्यौहार मनाने की आजादी है. इस साल नवरात्रि और पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन एक ही समय में था. ऐसे में विधि व्यवस्था का निर्धारण करना जिला प्रशासन के लिए जरूरी था. जिस जगह पर गरबा नृत्य के लिए अनुमति दी गई वहीं हजरत साहब की जयंती मनाने की भी अनुमति स्थानीय प्रशासन की ओर से दी गई. ऐसे में किसी खास समुदाय द्वारा हजरत साहब के जयंती मनाने वाले स्थल पर जाकर गरबा करना कहीं ना कहीं सामाजिक समरसता को जानबूझकर बिगाड़ने का षड्यंत्र है. उन्होंने बताया कि सानिया विधायक के आने के बाद स्थिति और भी तनावपूर्ण हुई और देखते ही देखते भीड़ हिंसक होती जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई. ऐसे में राष्ट्रपति को सौंपे ज्ञापन के माध्यम से वैसे अराजक तत्वों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है, ताकि देश की सामाजिक समरसता बनी रहे,