कुड़मी समुदाय को एसटी में शामिल करने की मांग को लेकर पिछले दिनों रेल रोको आंदोलन का समर्थन करते हुए झारखंड आंदोलनकारी हरमोहन महतो ने आंदोलनकारियों को कुड़मी वीर की संज्ञा दी

Spread the love

कुड़मी समुदाय को एसटी में शामिल करने की मांग को लेकर पिछले दिनों रेल रोको आंदोलन का समर्थन करते हुए झारखंड आंदोलनकारी हरमोहन महतो ने आंदोलनकारियों को कुड़मी वीर की संज्ञा दी है. उन्होंने कहा दुर्गा पूजा के बाद आंदोलनकारियों का झारखंड के सभी जिलों में स्वागत किया जाएगा. साथ ही विधानसभा और लोकसभा में इस मुद्दे को उठाने की मांग को लेकर आंदोलन करने की बात कही.

इस निमित्त एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर श्री महतो ने कहा आजादी से पूर्व कुड़मी समुदाय को एसटी का दर्जा प्राप्त था, लेकिन 1950 में साजिश के तहत कुड़मी समुदाय को एसटी श्रेणी से बाहर कर दिया गया. उन्होंने बताया कि एसटी समुदाय में पुनः शामिल किए जाने को लेकर आंदोलन चल ही रहा था, इसी बीच झारखंड अलग राज्य को लेकर कुड़मी समुदाय आंदोलन में कूद पड़ा जिससे उक्त आंदोलन धीमा पड़ गया. जिसका फायदा उठाते हुए केंद्र सरकार और ट्राईबल एडवाइजरी कमिटी ने कुड़मी को आदिवासी समुदाय मानने से इंकार करते हुए एक रिपोर्ट तैयार की, जो लागू भी नहीं किया गया, और कुड़मी समुदाय को एसटी श्रेणी से अलग कर दिया गया. उन्होंने कहा अलग झारखंड आंदोलन के तर्ज पर अब झारखंड में भी बंगाल बिहार और उड़ीसा के तर्ज पर कुड़मी समुदाय को एसटी में शामिल किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन तेज किया जाएगा. इधर एसटी में शामिल किए जाने की मांग को लेकर कुड़मी समुदाय द्वारा पिछले दिनों रेल रोको आंदोलन के बाद झारखंड के माझी परगना महाल ने कुड़मी समुदाय की मांग को खारिज करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है. कुल मिलाकर कह सकते हैं कि झारखंड में एक बार फिर से बाहरी- भीतरी को लेकर जंग छिड़ेगा, मगर इस बार आदिवासी- मूलवासी आमने सामने होंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *