उनका मानना है की स्वास्थ्य क्षेत्र में उनसे काम करवाया जाता है मगर मानदेय कि राशि बोली जाए तो काफी कम मिलता है जिससे उनका गुजारा तो छोड़ दीजिए उनका परिवार के भी पालन पोषण में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है झारखंड की सभी सहियाओं को अगर देखा जाए तो हजारों की संख्या में उनके नियुक्ति हुई थी मगर इनका मानदेय ₹2000 मात्र है जिससे इनका परिवार का पोषण करना काफी ही नामुमकिन है इनका यह भी मानना है कि जब इनसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर तरह का कार्य लिया जाता है तो इनका मानदेय ठीक ठाक रहना चाहिए ताकि इनका परिवार का भरण पोषण हो सके साफ तौर पर इनका कहना है कि बच्चे के जन्म से लेकर के बुढ़ापे तक का देखरेख का जिम्मा इन्हीं के हाथों में है तो इनका मानदेय भी उचित होना चाहिए ताकि अपने परिवार का भरण पोषण सही ढंग से कर सके अपने मानदेय में वृद्धि की मांग को लेकर आज झारखंड की सभी सहियाए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आवासीय कार्यालय पहुंच उन्हें एक मांग पत्र सौंपा है फिर भी उनकी मांगे नहीं पूरी हुई तो आगरे उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है,