विशेष रूप से तेंदुए के बाड़े के पास के क्षेत्र में. पिछले प्रैक्टिस और सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों तेंदुए अर्थात- मिथुन (नर) और हेमा (मादा) को कल भोजन करने के बाद डिस्प्ले एरिया में छोड़ दिया गया था, ताकि वे किसी पेड़ या अन्य सुरक्षित स्थान पर चढ़ सकें, यदि जल स्तर बढ़ जाता है. बचाव दल इन पर लगातार निगरानी रख रहे हैं. शाम लगभग 7.30 बजे हेमा (महिला) एक पेड़ पर चढ़ गई, जबकि मिथुन (नर) तैर रहा था और उपयुक्त जगह पर बैठने के लिए (वृद्धावस्था के कारण) संघर्ष कर रहा था. करीब एक घंटे के बाद भी बचाव दल मिथुन का पता नहीं लगा सका. रात करीब साढ़े नौ बजे (20 अगस्त 22) रेस्क्यू टीम को शव के बारे में पता लगा. इसके बाद टीम ने मिथुन की मौत की पुष्टि कर दी है. मिथुन (नर तेंदुआ) का जन्म अगस्त, 2005 में हुआ था और उसे नवंबर 2007 में पश्चिम बंगाल के जलदापारा बचाव केंद्र से टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क जमशेदपुर लाया गया था. वर्तमान में मादा तेंदुआ हेमा सुरक्षित है और अगले 24 घंटों तक निगरानी में है.
