मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को जमशेदपुर पहुंचे, जहां झारखंड आंदोलन के अग्रणी नायक रहे अमर शहीद निर्मल महतो के 35 वें शहादत दिवस के मौके पर कदमा उलियान स्थित स्वर्गीय निर्मल दा के समाधि स्थल पर पहुंच उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

Spread the love

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को जमशेदपुर पहुंचे. जहां झारखंड आंदोलन के अग्रणी नायक रहे अमर शहीद निर्मल महतो के 35 वें शहादत दिवस के मौके पर कदमा उलियान स्थित स्वर्गीय निर्मल दा के समाधि स्थल पर पहुंच उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान राज्य के मंत्री चंपई सोरेन, बन्ना गुप्ता, जोबा माझी सहित कोल्हान के सभी झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकगण एवं शहीद निर्मल महतो के परिवार के सदस्य मौजूद रहे. इससे पूर्व सोनारी एयरपोर्ट पर जिले के उपायुक्त एसएसपी सहित सभी मंत्रियों ने मुख्यमंत्री की अगुवानी की. श्रद्धांजलि देने के बाद मुख्यमंत्री ने एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा राज्य के अनेकों मूलवासियों, आदिवासियों ने जल- जंगल- जमीन की रक्षा करते हुए अपनी शहादत दी है. उन्हीं में से एक शहीद निर्मल महतो है. यहां आकर ऐसा लग रहा है, कि कोई अदृश्य शक्ति उन्हें अंदर से आंदोलित और उद्वेलित कर रहा है. उन्ही शहीदों की प्रेरणा लेकर गुरुजी शिबू सोरेन के सानिध्य में जल- जंगल और जमीन की रक्षा की जा रही है. विगत 20 सालों से जो भी सरकारें राज्य में रही उन्होंने सिर्फ और सिर्फ राज्य को लूटने का काम किया. 2019 में कोल्हान की जनता ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने में सहयोग किया, मगर कोरोना महामारी ने ऐसा जकड़ा, कि उससे अभी तक निकल नहीं सके हैं. झारखंड जैसे राज्य के लोगों के लिए यह बड़ी विकट परिस्थिति रही. डबल इंजन की सरकार रहते लोग राज्य में भूख से मरे, मगर वैश्विक त्रासदी के दौर में संसाधनों की कमी के बाद भी हमारी सरकार ने किसी को भूख से मरने नहीं दिया. वैश्विक त्रासदी कोरोना के दौर में झारखंड पूरे देश को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाला राज्य बना इसके लिए टाटा जैसी कंपनियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. खनिज संपदा से परिपूर्ण राज्य यदि केंद्र को खनिज संपदाओं की आपूर्ति बंद कर देती है तो देश का विकास ठप पड़ जाएगा, मगर केंद्र सरकार की नीतियों के कारण राज्य की जनता को उनका अधिकार नहीं मिल रहा है. उन्होंने राज्य सरकार के विधवा, दिव्यांग और परित्यक्त महिलाओं को पेंशन देने की योजना की सराहना की और कहा केंद्र से मदद मांगने के बाद उन्होंने पल्ला झाड़ लिया, फिर भी हमारी सरकार एक- एक झारखंडियों के वजूद की लड़ाई लड़ रहा है. मुख्यमंत्री सर्वजन पेंशन योजना, फूलो- झानो आशीर्वाद योजना, बिरसा कृषि योजना के जरिए सरकार लोगों तक रोजगार लेकर पहुंच रही है. बैंक के बदले सरकार यहां के लोगों को लोन दे रही है, ताकि लोग आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंने जन समूह का आह्वान करते हुए कहा झारखंड जिस तरह से लड़ कर लिया है, उसकी रक्षा भी उसी शिद्दत से किया जाएगा. विरोधी लाख प्रयास कर ले, मगर उनकी सरकार झुकेगी नहीं. 32 साल बाद राज्य में कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई. जेपीएससी की परीक्षाएं ली जा रही है. इनमें से ज्यादातर बच्चे बीपीएल श्रेणी के हैं जो सीओ- बीडियो जैसे पदों पर आसीन हो रहे. उन्होंने कहा कि जल्द ही पुलिस, शिक्षक और क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की बहाली निकलने वाली है. सभी बेरोजगार युवा तैयारी में जुट जाएं. सत्ता के भूखे लोग इनकेन प्रकार से सत्ता हासिल करने की हथकंडे अपना रही है, मगर हमारी सरकार सत्ता की भूखी नहीं है, हम यहां के गरीब- गुरबो की रक्षा में जुटी है. साल में दो बार धोती- साड़ी वितरण, सौ यूनिट मुफ्त बिजली, शहरी क्षेत्र के लोगों को एक पेड़ लगाओ 5 यूनिट बिजली मुफ्त पाओ योजना के जरिए सरकार यहां के लोगों को लाभ देने का काम कर रही है. केंद्र पर 1.30 हजार करोड़ खनिज- संपदाओं का बकाया है, मगर केंद्र सरकार देने से इंकार कर रही है. राज्य में सुखाड़ का आंकलन किया जा रहा है, मगर केंद्र सरकार मानने को तैयार नहीं. विपक्षी दल राज्य को अशांत करने में जुटा है. कभी धर्म के नाम पर, कभी संप्रदाय के नाम पर, कभी आदिवासी- मूलवासी के नाम पर राज्य को अशांत करने का हथकंडा अपनाया जा रहा है. मगर राज्य की जनता के लिए संकल्प लेने का समय है, ताकि दोबारा ऐसी सरकार सत्तासीन ना हो सके. अलग राज्य के लिए 40 साल संघर्ष करने पड़े, दोबारा ऐसी स्थिति ना हो इसका ध्यान रखना होगा. उन्होंने कहा इस राज्य पर वही राज करेगा जो यहां के आदिवासियों मूलवासियों के हितों की बात करेगा. 20 वर्ष में पहली बार दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव मनाया जा रहा है, ताकि यहां के संस्कृति सभ्यता से देश-विदेश रूबरू हो सकें. सभा को मंत्री जोबा माझी, बन्ना गुप्ता, मंत्री चम्पई सोरेन, ईचागढ़ विधायक सह शहीद निर्मल महतो के छोटे भाई पूर्व डिप्टी सीएम स्वर्गीय सुधीर महतो की धर्मपत्नी सविता महतो ने भी संबोधित किया. मंच का संचालन घाटशिला विधायक रामदास सोरेन ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन आंदोलनकारी सह झारखंड मुक्ति मोर्चा केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य मोहन कर्मकार ने किया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *