खरसावाँ राज महल का इतिहासिक रथयात्रा 1672 से होती आ रही है। आपको बता दें कि जगन्नाथ महाप्रभु की प्रतिमा 1672 ई में खरसावां के सोना नदी पर मिली थी। उसके बाद से खरसावां राज महल में ऐतिहासिक जगन्नाथ महाप्रभु की पूजा होती आ रही है। यह झारखंड का एकमात्र ऐतिहासिक रथयात्रा है। जिसमें सरकारी आवंटन आज तक मिलते आ रही है।महाप्रभु का पूजा के दौरान खरसावां के राजा साहब गोपाल नारायण सिंह देव के द्वारा चेहरा पोरहा कर के महाप्रभु को रथ में लाया जाता है। खरसावां राज महल का रथ यात्रा एकमात्र यात्रा है, जो सदियों से चले आ रही है। सरकारी आवंटन इस पूजा के लिए झारखंड सरकार के द्वारा आती है। इस दौरान राज परिवार के राजमाता विजया सिंह देव, खरसावां के रानी साहिबा अपराजिता सिंह देव, राजपरिवार के राजकुमार आनंद सिंह देव, राजकुमार देवराज सिंह देव,अनूप सिंह देव, अमरेश सिंह देव, अभिषेक सिंह देव, उमा सिंह देव, तपसहनी सिंह देव, निशु सिंह देव, काशव सिंह देव, अनीशा सिंह देव, साथ राज परिवार के सदस्य गण महाप्रभु के पूजा में उपस्थित थे। वहीं भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की धर्मपत्नी श्रीमती मीरा मुंडा, स्थानीय विधायक दशरथ गगराई उपस्थित होकर महाप्रभु का आशीर्वाद लिए।