जेम्को गुरुद्वारा की सेवा करने का मौका आखिरकार जगजीत सिंह जग्गे को मिल ही गया. वे लंबे समय से इसके लिए प्रयासरत थे. रविवार को गुरुद्वारों के चुनावी शोरगुल के बीच जग्गे को जेम्को का नया प्रधान गुरु की हजूरी में चुना गया. एक छोटे बच्चे ने पर्ची के द्वारा उन्हें यह मौका दिया. इस दौरान सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे, चुनाव संयोजक दलजीत सिंह दल्ली ने उन्हें मान्यता दी. कुल मिलाकर चुनावी शोर में यह मुखे एंड टीम की दूसरी बड़ी उपलब्धि है. इससे पूर्व सर्वसम्मति बनाने में जुगसलाई गौरीशंकर गुरुद्वारा में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. इससे विरोधी गुट पस्त होते दिख रहा है. हालांकि टिनप्लेट, बिष्टुपुर, सीतारामडेरा, बारीडीह आदि विवादित कमेटियों पर मुखे की भूमिका पर भी लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं. बहरहाल, इसकी विधिवत घोषणा 14 अप्रैल को होगी.
अन्य उम्मीदवार की जानें, मंजीत नागोके बने चेयरमैन, सरदूल कार्यकारी अध्यक्ष
बहरहाल, आपको बता दें की प्रधानगी के लिए तीन नाम आये थे. मंजीत नागोके को नाम वापसी के कारण चैयरमैन बनाया गया. दूसरे उम्मीदवार, सरदूल सिंह को कार्यकारी प्रधान बनाया गया गया. सभी ने निर्णय का स्वागत किया. पूर्व प्रधान जगीर सिंह सरली की सराहना की पूरी इलाके की संगत सराहना कर रही है. विवादों के बीच में बनी आठ सदस्यीय कमेटी गुरदीप सिंह सिधु, सुरजीत सिंह, कुलवंत सिंह, शरणजीत सिंह, बलदेव सिंह, जरनैल सिंह जम्मू, सरजीत नागोके ने भी सीजीपीसी का धन्यवाद किया है. मुखे ने ऐसे ही हर गुरुद्वारा कमेटी में सर्वसम्मति बनाने की अपील की है. संयोजक दल्ली ने अहंकार को त्यागकर गुरु घर की सेवा करने के लिए सभी को आगे आने की नसीहत दी है.