12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के वैक्सीनेशन अभियान में जिला अब तक रहा है फिसड्डी साबित, महज 5 फ़ीसदी बच्चों को ही किया जा सका है वैक्सीनेट

Spread the love

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है. इसके संक्रमण में थोड़ी कमी जरूर आई है, उसकी वजह देश में जारी महा वैक्सीनेशन अभियान और लोगों की जागरूकता है. कोरोना महामारी का तीसरा दौर सरकार, प्रशासन एवं लोगों की जागरूकता के कारण देश में प्रभावशाली नहीं रहा, मगर खतरा अभी टला नहीं है. इसका ध्यान रखना जरूरी है. जागरुकता और वैक्सीनेशन ही इस वैश्विक त्रासदी से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार है. बुजुर्गों से लेकर 12 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध है. जिस तरह वैक्सीनेशन अभियान में युवा और बुजुर्ग शामिल हुए, उसकी तुलना में 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का रुझान नहीं दिख रहा है. यही कारण है कि झारखंड में बुजुर्गों और युवाओं को वैक्सीनेट करने में जमशेदपुर जहां अव्वल साबित हुआ, वहीं 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के वैक्सीनेशन अभियान में जिला अब तक की फिसड्डी साबित रहा है. महज 5 फ़ीसदी बच्चों को ही वैक्सीनेट किया जा सका है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग चिंतित है. जमशेदपुर में बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए बनाए नोडल ऑफिसर श्रीधर मिश्रा ने बताया, कि जब बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं थे, तब अभिभावक रोज परेशान किया करते थे, मगर जब सरकार और प्रशासन के पहल पर बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो गई है, ऐसे में अभिभावक ही बच्चों को वैक्सीन दिलाने के प्रति गंभीर नहीं है. ऐसे में वैक्सीनेशन अभियान सफल होता नजर नहीं आ रहा है, हालांकि उसके लिए हीट वेव को उन्होंने जिम्मेदार जरूर बताया, मगर उन्होंने बताया कि हीट वेव के असर को देखते हुए वैक्सीनेशन के समय में फेरबदल किया गया है, फिर भी अभिभावक अपने बच्चों को न तो वैक्सीनेशन सेंटर ला रहे हैं, ना ही टीम के स्कूल पहुंचने पर उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं. जो चिंता का विषय है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *