देवघर में साईबर अपराध पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।इनकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ताबड़तोड़ गिरफ्तारी भी कर रही है,लेकिन पुलिस की कड़ी कारवाई के बाद भी देवघर में साईबर अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है।देवघर में इस अपराध पर अंकुश लगाने के लिए बाकायदा एक साईबर थाना बनाया गया है और अलग से एक साईबर डीएसपी की प्रतिनियुक्ति भी की गई है। इसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहा है और लगातार बड़ी संख्या में साईबर अपराधी पुलिस के हत्थे भी चढ़ रहे हैं,लेकिन साथ ही साईबर अपराध का ग्राफ फिर भी बदस्तूर बढ़ता रहा है।पिछले साल जनवरी से इस वर्ष जनवरी तक देवघर में 128 मामले साईबर अपराध के दर्ज किए गए हैं और इस संबंध में 810 साईबर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है।लेकिन कानून का लाभ उठाते हुए इनमे से अधिकांश रिहा हो जाते है और फिर से साईबर अपराध में हाथ आजमाना शुरू कर देते हैं।पुलिस भी मानती है कि कई बार साईबर अपराध में गिरफ्तार अभियुक्तों की तफ्तीश में उनके पहले भी साइबर अपराध में गिरफ्तारी के सबूत सामने आए हैं।देवघर के साईबर डीएसपी सुमित प्रसाद के अनुसार पिछले एक वर्ष में गिरफ्तार साइबर अभियुक्तों से पुलिस ने 1376 मोबाईल फोन,2173 सिम कार्ड,506 एटीएम कार्ड और 12 लाख 16 हज़ार 400 रुपये कैश जब्त किए हैं।इसके अतिरिक्त इनके पास से 375 पासबुक,92 चेकबुक, 20 लैपटॉप,30 बाईक,12 चारपहिया गाड़ी सहित स्वाइप मशीन,राउटर और pos मशीन भी पुलिस को हाथ लगे हैं।कड़ी कारवाई करते हुए देवघर पुलिस ने 14 मामले ED की जांच के लिए भी अनुसंशित की है,पुलिस मुख्यालय से इन मामलों पर कारवाई की जा रही है।लगातार लाइलाज़ हो रही इस बीमारी से निज़ात पाने के लिए पुलिस मुख्यालय से देवघर में साईबर क्राइम से जुड़े मामले के त्वरित अनुसंधान के लिए एक टेकनिकल लैब स्थापित करने का भी प्रस्ताव है।साईबर डीएसपी सुमित प्रसाद बताते हैं कि इजी मनी के चक्कर में युवा वर्ग साईबर अपराध की दुनिया की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।ऐसे भटक रहे युवाओं को मोटीवेट कर इससे बाहर निकालने की जरूरत है।डीएसपी ने बताया कि साइबर अपराध की ओर ले जाने वाले ऐसे 25 मास्टरमाइंड की सूची तैयार किया गया है जिनपर जल्द कार्यवाई की जाएगी।