जमशेदपुर: ललित नारायण मिश्र सांस्कृतिक एवं सामाजिक कल्याण समिति के द्वारा स्वर्गीय ललित बाबू की एक सौवीं जयंती मनाई गई

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जमशेदपुर के साकची स्थित एक होटल में ललित नारायण मिश्र सांस्कृतिक एवं सामाजिक कल्याण समिति के द्वारा स्वर्गीय ललित बाबू की एक सौवीं जयंती मनाई गई। बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में सभी अतिथियों के द्वारा बारी-बारी से उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रधांजलि दी गई। इस दौरान झांरखण्ड में मैथिली का दशा और दिशा पर राजस्तरीय संगोष्ठी में उनके द्वारा किए गए कार्य का सराहना करते हुए विस्तार से चर्चा की गई। मौके पर ललित नारायण मिश्र संस्था के महासचिव शंकर पाठक ने बताया प्रत्येक वर्ष स्वर्गीय ललित नारायण मिश्र के जयंती पर धूमधाम से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता था। लेकिन इस वर्ष पूर्वी सिंहभूम जिले में कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन स्थगित कर दिया गया। इस अवसर पर भाग लेने के लिए संस्था से जुड़े लोग रांची देवघर बोकारो चाईबासा सरायकेला सहित कई जिलों से समाज के लोग शामिल हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में साहित्य अकादमी मैथिली के प्रतिनिधि डॉ अशोक अविचल, कोल्हान के उप कुलसचिव एम के मिश्रा सहित कई गणमान्य लोग इस कार्यक्रम में अपने विचार रखे। उधर मुख्य अतिथि साहित्य अकादमी मैथिली के प्रतिनिधि डॉ अशोक अविचल ने कहा स्वर्गीय ललित नारायण मिश्र बहुजन हिताय बहुजन सुखाय पर विश्वास रखते थे। चुनाव के बाद वह सभी पक्ष विपक्ष की समस्याओं को समान रूप से सुन कर उनका हल निकालते थे। चुनाव के बाद उनका कोई प्रतिद्वंदी नहीं होता था। यह इनकी एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी। जबकि आज के परिवेश में हर जगह बड़ी बड़ी संस्थाओं में चुनाव के बाद भी गुटबाजी होती रहती है ,जिससे विकास बाधित होता है। कार्यक्रम के दौरान समाज के सैकड़ों लोग उपस्थित होकर स्वर्गीय ललित नारायण मिश्र की जीवनी पर वक्ताओं की बातों को ध्यानपूर्वक सुना।

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