
सूचना पर यह कार्रवाई की गई है। वन विभाग के अधिकारियों ने साकची के एक होटल से कोरल के चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से तीन किलो कोरल बरामद किया गया है। इनमें से एक तस्कर पश्चिमी सिंहभूम का रहने वाला है। जबकि, तीन तस्कर रांची के रहने वाले हैं। इन चारों तस्करों को वन विभाग के कार्यालय ले जाया गया है। वन विभाग के अधिकारी इन तस्करों से पूछताछ कर रहे हैं।
वन विनाग के डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि शनिवार को सुबह उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि साकची के होटल विराट में कोरल के तस्कर ठहरे हुए हैं।इस सूचना के मिलने के बाद वन विभाग के क्षेत्राधिकारी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। इस पर वन विभाग की टीम वहां पहुंच गई। होटल में पूछताछ करने से पता चला कि यह तस्करर होटल के कमरा नंबर 315 और 316 में ठहरे हैंं। इस पर पुलिस की मदद से वन विभाग की टीम ने कमरा नंबर 316 में रेड कर दी। इस छापेमारी में चारों तस्कर गिरफ्तार कर लिए गए। जो तस्कर गिरफ्तार हुए हैं, उनमें पश्चिमी सिंहभूम के हाट गम्हरिया का रहने वाला हरिचरण गोप, रांची जिले के राहे थाना क्षेत्र के रंगामाटी गांव का रहने वाला दीपक कुमार महतो, रांची जिले के ही मांडर का रहने वाला प्रमोद कैवर्तो और रांची के धुर्वा का रहने वाला अभय कुमार शामिल हैं।।
इनके कमरे से एक काले रंग का बैग मिला। इस बैग में वह कोरल रखे हुए थे। बरामद कोरल सफेद कोरल है। यह कोरल सबसे कीमती माना जाता है। वन विभाग की टीम ने कोरल को जब्त कर लिया है।
गौरतलब है कि कोरल एक समुद्री जीव है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत इसकी खरीद बिक्री प्रतिबंधित है। गौरतलब है कि जमशेदपुर वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत प्रतिबंधित जीवों और उनके अंशों की तस्करी का हब बनता जा रहा है। इसके पहले वन विभाग ने आमबगान के एक होटल से तेंदुए की खाल बरामद की थी। सोनारी के एक युवक को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।
