बागबेड़ा के नया बस्ती रोड नंबर 3 निवासी नाइ जागृति संघ के उपसचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि 16 अक्टूबर की सुबह उनकी 47 वर्षीय पत्नी वंदना देवी ऑटो (संख्या JH05DJ2053) से बिस्टुपुर जा रही थीं।

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इसी दौरान अचानक ऑटो चालक ने ब्रेक लगाया, तभी पीछे से तेज रफ्तार निक्सॉन कार (संख्या JH05CN2361) ने ऑटो को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही वंदना देवी सड़क पर गिर गईं। इसी क्रम में पीछे से आ रही एक बस (संख्या JH06 8841) ने निक्सॉन कार को जुगसलाई बलदेव बस्ती के पास जोरदार टक्कर मार दी, जिससे हादसा और गंभीर हो गया।

घटना में वंदना देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। आनन-फानन में उन्हें टाटा मेन अस्पताल ले जाया गया। परिजनों के अनुसार 17 अक्टूबर तक इलाज का खर्च करीब 1 लाख 60 हजार रुपये हो चुका था। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण जब अस्पताल को लगा कि परिजन आगे का खर्च उठा नहीं पाएंगे, तो डॉक्टर्स ने इलाज में उदासीनता बरतनी शुरू कर दी। मजबूरन परिजनों ने वंदना देवी को रिम्स रांची ले जाया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

परिजनों ने आरोप लगाया कि जुगसलाई थाना पुलिस ने जबरन बयान लिखवाया कि गलती ऑटो चालक की थी और पूरा दोष उसी पर थोप दिया गया। यहां तक कि पुलिसकर्मियों ने यह भी कहा कि यदि केस दर्ज करोगे तो कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने न तो निष्पक्ष जांच की और न ही कार्रवाई, बल्कि मामले को दबाने में लगी रही।

वर्तमान में तीनों वाहन ऑटो, निक्सॉन कार और बस जुगसलाई थाना में जब्त हैं। परिजन सरकार और प्रशासन से उचित मुआवजा और न्यायपूर्ण कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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