
इस दौरान रजनी ने केक काटा। इचागढ़ विधायक सविता महतो डीएफओ सबा आलम अंसारी, रेंजर दिनेश चंद्रा समेत अन्य मौजूद रहे। हर वर्ष की तरह इस बार भी दलमा के मुख्य द्वार को गुब्बारों से सजाया गया ।
डीएफओ सबा आलम ने बताया कि करीब 16 साल पहले रजनी दलमा के पीलीद गांव के पास एक गड्ढे में घायल अवस्था में मिली थी। वन विभाग ने 7 अक्तूबर को ही उसे बरामद किया था। उस समय उसकी उम्र महज डेढ़ साल थी। तब से लेकर हर साल इसी दिन उसका जन्मदिन मनाया जाता है। शुरुआत में रजनी दलमा के मुख्य द्वार के पास बंधी रहती थी, लेकिन अब उसकी देखभाल और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे नए शेड में स्थानांतरित कर दिया गया है। वन विभाग के अनुसार, रजनी न सिर्फ दलमा की पहचान बन चुकी है, बल्कि लोगों के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक भी बन गई है। रजनी का यह जन्मदिन न केवल एक आयोजन है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण और मानवीय संवेदना का संदेश भी देता है। जन्मदिन मनाने के लिए पूरा दलमा क्षेत्र को बैलून से सजाया गया है आसपास के सभी स्कूल के बच्चों के द्वारा एक जागरूकता रैली भी निकल गई
