
जमशेदपुर हाथियों के संरक्षण और मानव-वन्यजीव सहअस्तित्व को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दलमा वन्य प्राणी अभयारण्य और टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क के संयुक्त तत्वावधान में आज “वॉक पर गजराज” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष अभियान की शुरुआत सोनारी स्थित वन भवन से हुई, जहां डीएफओ (Divisional Forest Officer) सब आलम ने हरी झंडी दिखाकर वॉक का फ्लैग ऑफ किया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रकृति प्रेमी, स्कूली बच्चे, कॉलेज के छात्र-छात्राएं, समाजसेवी, वन विभाग के कर्मचारी, शहर के गणमान्य नागरिक और आम लोग शामिल हुए
इस आयोजन का मुख्य मकसद लोगों में हाथियों के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाना, मानव और हाथियों के बीच बढ़ते संघर्ष को कम करना तथा पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने की अपील करना था।
वॉक के दौरान प्रतिभागियों ने “हाथी बचाओ – जंगल बचाओ”, “वन्यजीव संरक्षण है जीवन संरक्षण”, और “प्रकृति का संतुलन – मानव का भविष्य” जैसे नारे लगाए। लोगों ने बैनर और पोस्टर के जरिए यह संदेश दिया कि हाथी न केवल जंगलों के संरक्षक हैं बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का भी महत्वपूर्ण हिस्सा हैं
डीएफओ सब आलम ने कहा कि दलमा क्षेत्र झारखंड और जमशेदपुर का गौरव है। यह क्षेत्र हाथियों का प्राकृतिक घर है और इन्हें सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि वन विभाग लगातार प्रयासरत है कि स्थानीय लोग और हाथी एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील रहें और किसी भी प्रकार का संघर्ष न हो।
टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क की ओर से अधिकारियों ने भी कहा कि “वॉक पर गजराज” केवल एक आयोजन नहीं बल्कि एक सामाजिक संदेश है। आने वाले समय में भी इस तरह की पहल से शहर के अधिक से अधिक लोगों को वन्यजीवों और पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को हाथियों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही सभी ने संकल्प लिया कि वे न केवल स्वयं बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी वन्यजीवों के प्रति जागरूक करेंगे और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग देंगे।
