
मंगलवार को जिला परिषद सदस्य डॉ. परितोष सिंह के नेतृत्व में पंचायत प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मिला और योजना में व्याप्त अनियमितताओं से अवगत कराया. साथ ही इस योजना का संचालन जुस्को को सौंपने की मांग की गई. प्रतिनिधियों ने बताया कि योजना अंतर्गत 21 पंचायतों के लाखों लोग हर महीने जलापूर्ति बाधित होने की समस्या से जूझ रहे हैं. डॉ. परितोष सिंह ने कहा कि यह योजना शुरुआत से ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है और पूर्ववर्ती सरकार के करोड़ों रुपये की बंदरबांट का खामियाजा आज क्षेत्र की जनता भुगत रही है. उन्होंने पाइपलाइन में जगह- जगह लीकेज, इंटक वेल की खराब स्थिति, अधूरी बस्तियों में कनेक्शन न होना, पुराने कनेक्शनों का हिसाब न होना और अशुद्ध पेयजल आपूर्ति जैसी समस्याओं पर चिंता जताई. पंचायत प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि जलापूर्ति योजना का जिम्मा जुस्को को सौंपा जाए, उपभोक्ताओं से जलकर की वसूली की व्यवस्था की जाए और स्थायी समाधान हेतु त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित हो. उपायुक्त ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी को जल्द से जल्द त्रिपक्षीय बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया.
गोविंदपुर जलापूर्ति योजना के संवेदक जेमिनी इंटरप्राइजेज अरुण सिंह का कहना है कि करीब 19 महीना से हमारा करीब 3 करोड़ रूपया पकाया है जिसके कारण हम स्टाफ को पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं और ना ही केमिकल खरीद पा रहे हैं इसके कारण काफी परेशानी आ रही है बार-बार जिला प्रशासन से आगरा करने के बाद भी हमें अभी तक कोई भुगतान नहीं मिला है जिस कारण मजबूरी बस मुझे जलापूर्ति को बंद करना पड़ा था अगर यही हाल रहा तो हम आगे इस योजना को नहीं चला पाएंगे
