यह आयोजन का 25 वां वर्ष हैँ, कल यानि 10 जुलाई से इसकी शुरुवात गुरु पूर्णिमा के अवसर पर होगा और 11 जुलाई यानि सावन माह के पहले दिन इसका समापन भंडारे के साथ होगा, विधायक सरयू राय ने इसकी जानकारी एक वार्ता के दौरान दी, उन्होने कहा की इसमें मुख्य रूप से प्रभु राम की पूजा होती हैँ और रामायण कॉल मे उनके वन वास एवं लंका विजय पर उनके साथ देने वाले पुरे सहयोगी एवं सेना की भी पूजा इसमें होती हैँ, झारखण्ड राज्य के स्थापना के एक वर्ष बाद साल 2001 मे उन्होंने इसकी शुरुवात की थी जो आज तक जारी हैँ.
