इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री रामदास सोरेन समेत अन्य विधायक और समाज के गणमान्य लोग शामिल होंगे। इस महापर्व में शहर समेत कोल्हान क्षेत्र के विभिन्न नृत्य मंडलियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। बाहा बोंगा प्रकृति प्रेम और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक है, जिसे संताल आदिवासी समुदाय द्वारा श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पर्व में सैकड़ों लोग शामिल होकर मरांगबुरु और जाहेरआयो के आशीर्वाद के रूप में सखुआ फूल को ग्रहण करेंगे। यह फूल प्रकृति की शक्ति और समुदाय की एकजुटता का प्रतीक माना जाता है। पर्व की शुरुआत सुबह में पारंपरिक रीति रिवाजों के साथ होगी। नायके बाबा को उनके आवास से नाचते गाते हुए जाहेरथान तक लाया जाएगा। माझी बाबा और नायके बाबा की अगुवाई में जाहेरथान परिसर में ईष्ट देवी. देवताओं की पूजा अर्चना की जाएगी। इसके बाद सामूहिक बाहा नृत्य का आयोजन होगाए जिसमें पारंपरिक संगीत और लोकगीतों के माध्यम से समुदाय अपनी सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत करेगा। यह जानकारी कदमा संताल जाहेरथान के संरक्षक लक्ष्मण टुडू ने संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने बताया कि बाहा पर्व आदिवासी समुदाय की संस्कृति, प्रकृति के प्रति श्रद्धा और पारंपरिक मूल्यों को सहेजने का अवसर प्रदान करता है। यह पर्व सामाजिक समरसता, भाईचारे और प्रकृति संरक्षण का संदेश भी देता है, जिसे पूरे आदिवासी समुदाय द्वारा पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। संवाददाता सम्मेलन में माझी बाबा बिंदे सोरेन, कमेटी के अध्यक्ष भूआ हांसदा, भीम मुर्मू, सुरेंद्र टुडू, विक्रम बास्के, पंचू हांसदा, बाघराय हांसदा, लील मोहन सोरेन, विकास हेंब्रम, सोनाराम टुडू, सोनाराम सोरेन आदि उपस्थित थे।
