जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भी शामिल हुए। इस मौके पर अपने संबोधन में चंपई सोरेन ने कहा कि बाहा पर्व आदिवासियों का बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व नई ऋतु के आगमन का संदेश देता है। आदिवासी प्रकृति पूजक होते हैं। वे जल जंगल जमीन की पूजा करते हैं। उन्होंने कहा कि दिशोम जाहेर जाहेर थान का सुंदरीकरण किया गया । चम्पाई सोरेन को स्त्री-पुरुष नृत्य करते हुए उनके निवास स्थान दिशोम जाहेर तक लाए। उन्होंने समाज की सुख-शांति के लिए पूजा-अर्चना की। पूजा के अवसर पर साल वृक्ष व महुआ फूल का अर्पण किया। नायके बाबा ने उपस्थित सभी l पुरुषों ने फूल को कानों में लगाया, जबकि स्त्रियों ने उसे अपने बालों में सजाया। उपस्थित लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के साथ भोजन किया
