झारखंड में मचे सियासी घमासान पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के बाद थम गया है.

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इधर नेताओं के बयानों का दौर शुरू हो चुका है. कोई चंपाई के फैसले को सही ठहरा रहा है तो कोई इसे आत्मघाती बता रहा है. इस बीच बुधवार को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चंपई सोरेन के गढ़ पहुंच रहे हैं. जहां गम्हरिया के रापचा मैदान में आयोजित कोल्हान प्रमंडल स्तरीय महिला सम्मान योजना के तहत “झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के योग्य लाभुकों को सौगात देंगे. इधर जिला प्रशासन के तैयारी का ज्यादा लेने मंगलवार को सिहभूम सांसद जोबा मांझी, मंत्री दीपक बिरुआ सहित कोल्हान के सभी झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक और पार्टी के पदाधिकारी मौजूद रहे. सभी ने जिला प्रशासन की तैयारी को पर्याप्त बताया और दावा किया कि कल की भीड़ अभूतपूर्व होगी. बता दें कि पहली बार चंपई सोरेन के गढ़ में झारखंड मुक्ति मोर्चा या यूं काहे कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चंपई सोरेन के बगैर पहुंच रहे हैं. इसको लेकर कई तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं. मंत्री दीपक बिरुआ ने बताया कि कल का कार्यक्रम ऐतिहासिक होगा. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के पाला बदलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. झारखंड मुक्ति मोर्चा में इससे पहले भी कई नेता आए और चले गए. पार्टी वही खड़ी है. नए सिरे से संगठन को मजबूत किया जाएगा. दीपक बिरुआ (मंत्री)वहीं घाटशिला विधायक रामदास सोरेन ने भी पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बगैर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को सफल बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा जमीनी पार्टी है. झारखंड को अलग करने में इस पार्टी के मुखिया शिबू सोरेन ने बड़ी भूमिका निभाई है. पार्टी से जुड़कर कई नेता पाला बदल चुके हैं, इससे पार्टी के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.

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