जहां सरायकेला की जनता ने पूर्व मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए अपना पूर्ण समर्थन देने का भरोसा दिलाया. हालांकि लगातर चार दिनों से उनके अगले राजनीतिक कदम को लेकर चल रहा सस्पेंस बरकार रहा. वैसे जनता का समर्थन देख पूर्व मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि बहुत जल्द इसकी घोषणा करूंगा. पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में एकबार फिर से अपने दिल का दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि जिस संगठन को अपने खून पसीने से सींचा उस पार्टी ने वो सम्मान नहीं दिया इसलिए अब नया इतिहास लिखने निकला हूं. आपका समर्थन देख ऐसा लगने लगा है कि नया इतिहस पर अब विराम लगने का वक्त आ गया है. हमने टाटा जैसी कंपनी से लोहा लिया. जादूगोड़ा माइंस को लेकर यहां के आदिवासी- मूलवासियों के हक की लड़ाई लड़ी. अलग झारखंड राज्य के लिए महीनों परिवार की चिंता छोड़ दिशोम गुरु शिबू सोरेन के साथ जंगल- जंगल भटकता रहा. मेरे बच्चे कैसे बड़े हुए मैंने नहीं देखा. झारखंड अलग राज्य मिलने के 24 साल बाद अब नया अध्याय लिखने की घोषणा की है. मुझे पूर्ण विश्वस है कि आपका प्यार पूर्व की भांति मिलता रहेगा. भरोसा दिलाता हूं कि कभी आपकी आवाज को दबने नहीं दूंगा. गरीब, आदिवासी- मूलवासी, किसान, विद्यार्थी, युवा सभी को उनका अधिकार दिलाऊंगा. 5 महीने के छोटे से कार्यकाल में मैंने जो काम किया वह आईने की तरह साफ है. उन्होंने कहा कि अब मुझे यदि आपका प्यार इसी तरह मिलता रहा तो झारखंड को देश के सबसे विकसित राज्य की श्रेणी में अग्रिम पंक्ति पर लाकर खड़ा कर दूंगा. क्योंकि मुझे यहां की भौगोलिक स्थिति की जानकारी है.