: आदिवासी किसान मजदूर पार्टी के बैनर तले चाईबासा सदर अनुमंडल कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया गया। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। संगठन की ओर से मांग की गयी है कि पंचायत प्रतिनिधिओं को पेसा कानून के तहत पूर्ण अधिकार और शक्ति दी जाए। विकास योजना के लिए डीएमएफटी फंड में हिस्सेदारी तय की जाए। झींकपानी के जिला परिषद सदस्य जॉन मिरन मुंडा ने कहा की पंचायत चुनाव हुए 15 साल होने जा रहा है, लेकिन आज तक झारखण्ड सरकार ने पंचायत प्रतिनिधिओ को पेसा कानून के तहत पूर्ण अधिकार और शक्ति नहीं दिया, जिसके कारण से पंचायत प्रतिनिधि एक कर्मचारी के रूप मे काम कर रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधिओ का कोई मान सम्मान नहीं है। झामुमो की सरकार नहीं चाहती है कि गांव की सरकार मजबूत हो। उन्होंने कहा कि जिला में डीएमएफटी फंड विधायक और सांसद के माध्यम खर्च हो रहा है। फंड का लूट हो रहा है। डीएमएफटी फंड से बन रही सड़कें और जल मीनार पूरी तरह से लूट का जरिया बन गया है। यदि डीएमएफटी फंड को पंचायत प्रतिनिधि को दिया जाता तो जिला में सड़क, बिजली, पेयजल और रोजगार सब कुछ बेहतर रूप से दिखाई देता। अधिकारी और ठेकेदार लूट कर मालामाल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी पंचायती राज को मजबूत करने की मांग कर रही है। जॉन मिरन मुंडा ने आरोप लगाया कि जिला परिषद में भी बात रखा जाता है तो कोई काम नहीं होता है। जिला परिषद कमीशन खोरी का अड्डा बना हुआ है। धरना प्रदर्शन में मंझारी के जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल और जगन्नाथपुर के जिला परिषद सदस्य मानसिंह तिरिया भी मौजूद रहे।जॉन मिरन मुंडा, जिला परिषद सदस्य, झींकपानी