जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में आज अर्थशास्त्र विभाग की ओर से ‘मतदान द्वारा राष्ट्र का विकास’ विषय पर एक संगोष्ठी का हुआ आयोजन

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संगोष्ठी के मुख्य वक्ता कोल्हान विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ संजय कुमार झा थे। संगोष्ठी के आरंभ में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सत्यप्रिय महालिक ने डॉ संजय कुमार झा को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष डॉ शिप्रा ने सभी का स्वागत किया। अपने संबोधन में प्राचार्य डॉ सत्यप्रिय महालिक ने संगोष्ठी आयोजन के लिए अर्थशास्त्र विभाग को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य और अधिकार के प्रति सजग रहना चाहिए। एक-एक वोट कीमती होता है, इसलिए राष्ट्र के प्रति अपने कर्त्तव्य के पालन के लिए हमेशा तत्पर रहना राष्ट्र के प्रति सच्ची राष्ट्रभक्ति होगी।महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग के वरिष्ठ शिक्षक, कोल्हान विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा नियंत्रक, पूर्व वित्त पदाधिकारी डॉ पी के पाणी ने कहा कि मतदान केवल एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक व्यवस्था है जो किसी भी राष्ट्र के सामाजिक आर्थिक विकास की दिशा और दशा तय करता है।संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ संजय कुमार झा ने ‘मतदान द्वारा राष्ट्र का विकास’ पर बोलते हुए पहले मतदान की परंपरा के ऐतिहासिक संदर्भ पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मतदान को विश्व के दो दर्जन से अधिक देशों में अधिकार घोषित करते हुए अनिवार्य किया गया है। इतने ही देशों में मतदान न करने पर दंडात्मक कार्यवाई, जैसे वेतन काटने का भी प्रावधान किया गया है। हाल ही में हमारे देश में भी एक राज्य में मतदान अनिवार्य करने हेतु प्रयास किया गया था। डॉ संजय कुमार झा ने भारत के संदर्भ में मतदान के महिलाओं के मतदान की चर्चा करते हुए कहा कि भारत में महिलाओं को मतदान का अधिकार देने की पहल बीसवीं सदी के आरंभ में हुई। मतदान और देश के विकास के अंतर्संबंधों पर विदेशों में कई अनुसंधान किये गए हैं। इन अनुसंधानों द्वारा प्राप्त निष्कर्ष यह इंगित करते हैं कि पूर्ण लोकतंत्र, भौतिक समृद्धि द्वारा किसी राष्ट्र के विकास का आधार होता है। देश में विकास मापने के पैमाने- प्रतिव्यक्ति आय, जीडीपी, शिक्षा और साक्षरता को देखा जाए तो भारत में मतदान का महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि यही वे साधन हैं जिससे हाशिये पर पड़े लोगों को राष्ट्र की मुख्यधारा में लाया जा सकता है।संगोष्ठी का संचालन सनोबर महताब तथा धन्यवाद ज्ञापन फरहा नाज़ ने किया। इस संगोष्ठी में डॉ राफिया बेगम, प्रो. हरेंद्र पंडित एवं अन्य शिक्षकों के साथ बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल हुए।

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