जुगसलाई के रथ गली स्तिथ मंदिर (मौसी बाड़ी) से घुरती रथ यात्रा का आयोजन किया गया। रथ में विराजमान होकर गाजे बाजे के साथ भक्तों के द्वारा रथ खींचकर भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा निज मंदिर पहुंचें। सोमवार की देर शाम मौसीबाड़ी में पूजन और आरती के बाद घुरती रथ पर भगवान के विराजमान विग्रहों को मंदिर लाया गया। मंत्रोच्चार के बीच भगवान के विग्रहों को मंदिर के आसन में स्थापित किया गया। संध्या चार बजे भगवान को मौसी घर का प्रसाद मूड़ी व जली हुई रोटी का भोग लगाया गया। ऐसा माना जाता है कि मौसी गरीब थी और उनके पास जो था वही भगवान को खिलाई थीं।इसी मान्यता के साथ भक्त भी भगवान के समक्ष प्रेम व भाव से जो भी अर्पण करते हैं उसे भगवान सहज रूप से स्वीकार करते हैं। मंदिर पहुंचने के बाद आरती एवं प्रसाद का वितरण किया गया। मौके में बैजू शर्मा,पंकज अग्रवाल,संजय कसेरा,राजेश शर्मा,सौरभ प्रसाद,विजय विश्वकर्मा,सनी भामरा,महावीर शर्मा,मंगलू शर्मा,रितिक शर्मा,शिव गुप्ता, हेमंत अग्रवाल,रवि सिंह,संजू सिंह, एवं राजा शर्मा का सराहनीय सहयोग रहा।