देश में आज से तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम , 100 वर्षों से पुराने समय से चले आ रहे ब्रिटिश काल के कानून भारतीय दंड संहिता , दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे …..

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इन कानून से एक आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी जिसमें जीरो एफ़आईआर कराना , जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान लागू होने धाराओं की पहचान बदलने के बाद परेशानियां और चुनौतियों पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने कहा कि परेशानी नहीं है लेकिन थोड़ी चुनौती होगी क्योंकि तीनों कानून 100 सालों से अधिक में इस्तेमाल में थे , कुछ नई चीज शुरू होती है तो थोड़ी बहुत चुनौतियां जरूर सामने आती है , लेकिन इन चुनौतियों और परेशानियों से निपटने के लिए प्रशिक्षण और बाकी संसाधन जो जरूर की है वह उपलब्ध है ….. बहुत सारे प्रैक्टिकल और थियोरेटिकल चेंज होने के कारण भी थोड़ी चुनौती जरूर है , खासतौर से फॉरेंसिक का जो रोल है वह अब बढ़ गया है ।
लेकिन इन तमाम चुनौतियों से निपटने के लिए सब की प्रशिक्षण हो गई है और सफलतापूर्वक नए कानून के आधार पर कार्य होंगे

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